हिन्दी हाइकू रचना : चुप से...

सुशील कुमार शर्मा
1. चुप से क्यों हो
मन को सारी बातें
कहने तो दो।


 
2. सुनो तो आओ
बैठें एक किनारे
कांधे पे सिर।
 
3. आंसू क्यों गिरे
दर्द का समंदर
पीना है तुझे।
 
4. खामोशियां ही
अच्छी हैं बोलने से
रूठते लोग।
 
5. तेरा हंसना
लगा चांद उतरा
मुस्कुराकर।
 
6. मन तुम्हारा
व्यथित बहुत है
चांद सरीखा।
 
7. क्यों चुप-सी हो
मन के दरवाजे से
बाहर झांको।
 
8. प्यार में आओ
मिलकर हमसे
गम भुलाओ।
 
9. ये जीवन है
अश्रु की जलधारा
अटूट रिश्ते।
 
10. भेज रहा हूं
सुन्दर से हाइकू
बोलो है कैसे। 
 
Show comments

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ जा रहे हैं घूमने तो इन 6 बातों का रखें ध्यान

06 मई : मोतीलाल नेहरू की जयंती, जानें 15 रोचक तथ्य

कार्ल मार्क्स: सर्वहारा वर्ग के मसीहा या 'दीया तले अंधेरा'

राजनीति महज वोटों का जुगाड़ नहीं है

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

मॉरिशस में भोजपुरी सिनेमा पर व्‍याख्‍यान देंगे मनोज भावुक

अगला लेख