कविता : मेरी संस्कृति मेरी पहचान...

सुशील कुमार शर्मा
भारतीय संस्कृति जीवन की विधि है,
संस्कारों से पोषित बहुमूल्य निधि है।
 
विश्व की पहली और महान संस्कृति,
विविधता में एकता की अनुरक्त समीकृति।
 
अमृत स्रोतस्विनी विकास चिरप्रवाहिता,
संस्कारित और परिष्कृत विचारवाहिता।
 
धन्य सुवासित भारतीय संस्कृति सुपुष्पी,
ज्ञान, भक्ति, सद्कर्मों के प्रांगण में पनपी।
 
समेटे सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषा की विविधता,
शिष्टाचार, संवाद, धार्मिक संस्कारों की परिशुद्धता।
 
परिवारों, जातियों और धार्मिक समुदायों का सभ्याचार,
विवाह, परंपराएं, रीति-रिवाज, उत्सवों का मंगलाचार।
 
इंसानियत, उदारता, एकता, धर्मनिरपेक्षता, अपनाएंगे,
समता, समन्वय, सदाचार से इसे अक्षुण्ण बनाएंगे।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी

जैव विविधता पर कविता : मैं अब भी प्रतीक्षा में हूं

अगला लेख