हिन्दी बाल साहित्य : सफलता

अंशुमन दुबे (बाल कवि)
देख रास्ते खुले हुए हैं,
तुम्हें अब बढ़ना बाकी है।
रुके न तू, नहीं थके तू कभी,
तेरा अंत तक लड़ना बाकी है।
 

 

 
मंजिल तुमसे दूर नहीं है,
अपने कदम बढ़ा के देखो।
तोड़ दो मन के बंधन सारे,
अरमानों की उड़ान भर के देखो।
 
सफलता का रास्ता नापने अगर निकल पड़े हो,
जिंदगी की लड़ाई में झांकने अगर निकल पड़े हो।
राह ये मु‍श्किलोंभरी सरल न होगी,
लड़ाई ये बिना त्याग के सफल न होगी।
 
पर उम्मीद का दामन तब तक न छोड़ना,
जब तक यह सांस चल रही होगी।
मुश्किलों से जा टकराओ तुम,
मुसीबतें अपने हाथ मल रही होंगी।
 
कठिनाइयां भी आसान हो जाएंगी,
नित्य ही तुम अभ्यास करो।
सफलता तुम्हें प्राप्त होगी,
भक्ति व पुरुषार्थ में विश्वास करो।
 
दिल में अपने प्रेम की जोत जला,
अपने मन के सभी द्वार खोल।
जीवन सफल हो जाएगा।
हरे राम! हरे कृष्णा! बोल।

साभार- छोटी-सी उमर (कविता संग्रह) 

ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें। 

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?