ना दीदी से लड़ना है।
मुझे पत्रिका एक दिला दो,
मुझे कहानी पढ़ना है।
वही कहानी अच्छी लगती,
चित्र छपे हों जिसके संग।
जिन चित्रों में भरे हुए हों,
नीले-लाल, गुलाबी रंग।
बाल पत्रिकाओं से पापा,
मुझको अब तो जुड़ना है।
छोटी कविता बच्चों वाली,
मुझको बहुत सुहाती है।
वह कविता भी भाती मुझको,
जिसमें चिड़िया गाती है।
चिड़ियों के संग मुझको भी अब,
थोड़ा-थोड़ा उड़ना है।
बाल पहेली और चुटकुले,
इनके मज़े निराले हैं।
खुशियों वाली गरम फुलकियों,
के ये चाट मसाले हैं।
दिखे जहां से मन की मंजिल,
उसी मोड़ से मुड़ना।
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