बाल कविता : सबसे अच्छा मेरा गांव...

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- शिवप्रतापसिंह ठाकुर
 
सबसे अच्छा मेरा गांव,
यहां मिलती है ठंडी छांव।
 
मेरे गांव की बात निराली,
चहुंओर फैली हरियाली।
 
करते काम किसान यहां,
मेहनत है दिन-रात यहां।
 
बच्चे प्रतिदिन शाला जाते,
शिक्षक इनको खूब पढ़ाते।
 
पढ़-लिखकर हम करेंगे काम,
उज्ज्वल करेंगे गांव का नाम। 
 
साभार- देवपुत्र 
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