अंग्रेजी के महीनों के संग
हिंदी माह किस तरह चलते।
हिंदुस्तानी होकर भी हम,
बात जरा भी नहीं समझते।
माह जनवरी में हिंदी के,
पूस, माघ का डेरा होता।
माघ और फागुन ने मिलकर,
माह फरवरी घेरा होता।
माह मार्च में सजे हुए हैं,
फागुन और चैत्र के मेले।
चलता ले अप्रैल साथ में,
चैत्र और बैसाखी ठेले।
मई में तो बैसाख, जेठ से,
गर्मी की बातें होतीं हैं।
माह जून में जेठ, असाढ़ी,
उमस भरी रातें होतीं हैं।
हर आषाढ़ और सावन में,
माह जुलाई का रहता है।
सावन, भादों संग रहूंगा।
हर अगस्त हंस कर कहता है।
बात सितंबर की करते हैं,
भादों, क्वांर भरे हैं इसमें।
क्वांर, कार्तिक का बंगला यह,
अक्टूबर जी रहते इसमें।
कार्तिक और अगहन के हिस्से,
माह नवंबर को मिलते हैं।
अगहन, पूस के छोटे से दिन,
माह दिसंबर संग चलते हैं।
हिंदी के बारह मासी से,
अंग्रेजी महीनों का नाता।
इस कविता को पढ़ने से ही,
सहज ज्ञान हमको मिल जाता।
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