एक बालगीत : वरदानों की झड़ी

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
भोले बाबा के नंदी ने,
कहा कान में जाने क्या।


 
मैंने पूछा तो वह बोला, 
गुप्त बात मैं क्यों बोलूं।
 
नंदीजी से जो बोला है,
भेद आप पर खोलूं क्यों।
मैंने तो उनसे जो मांगा,
तुरत उन्होंने मुझे दिया।
 
शिव मंदिर में अक्सर बच्चे,
नंदीजी से मिलते हैं।
उन्हें देखकर नन्हे मुखड़े,
कमल सरीखे खिलते हैं।
 
मन की बात कान में उनके,
कहते, आता बहुत मजा।
बातें अजब-गजब बच्चों की, 
सुनकर नंदी मुस्काते।
 
मांगों वाले ढेर पुलंदे, 
शंकरजी तक ले जाते। 
फिर क्या! शिवजी वरदानों की,
झटपट झड़ी लगा देते।
 
Show comments

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ जा रहे हैं घूमने तो इन 6 बातों का रखें ध्यान

06 मई : मोतीलाल नेहरू की जयंती, जानें 15 रोचक तथ्य

कार्ल मार्क्स: सर्वहारा वर्ग के मसीहा या 'दीया तले अंधेरा'

राजनीति महज वोटों का जुगाड़ नहीं है

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

मॉरिशस में भोजपुरी सिनेमा पर व्‍याख्‍यान देंगे मनोज भावुक

अगला लेख