गर्मी के दिनों पर बाल कविता : बड़ा मजा है! गर्मी है!!
- डॉ. देवव्रत जोशी
बड़ा मजा है! गर्मी है!!
उड़े भले कितनी ही धूल,
हमें न अब जाना स्कूल,
किरणें नभ से गरम, झरें,
हम तो घर में मौज करें।
लस्सी-शरबत-ठंडाई,
पियो खूब, गर्मी आई!
सड़कों पर है सन्नाटा-
मारे लू सबको चांटा-
दुबके रहे घरों में यार,
शाम ढले, घूमो बाजार।
लेटो करके आंखें बंद,
आज अभी कर लो आनंद।
कहता कौन, 'सजा' है बंधु,
गर्मी बड़ा मजा है बंधु!