फनी कविता : केरल

प्रांत परिचय

Webdunia
- महेशचन्द्र सक्सेना

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श्रीफल का भंडार है केरल,
इसी की खेती होती है।
सागर तट की सुंदरता,
सबका मन हर लेती है।।

कटहल, केला, काजू, आम,
दिखते घर-घर उद्यानों में।
इला, जायफल, लौंग, मिर्च,
भरपूर यहां बागानों में।।

कथकली और मोहनी अट्टम,
नृत्य प्रांत की ऊंची शान।
शिक्षा क्षेत्र में सबसे आगे,
बनी राष्ट्र में है पहचान।।

शीशम, सागौन भरे जंगल,
पेड़-रबर के उगते हैं।
दरी-गलीचे बने यहां के,
सबका मन मोहित करते हैं।।

चावल-मछली प्रिय भोजन,
सादे ‍जीवन में विश्वास।
सभी पंथ के पूजा स्थल,
गांव-गांव के होते पास।।

प्रमुख पर्व है यहां का ओणम,
लेकर आता नई बहार।
पूरम पर्व यहां पर मनता,
हाथी सजते कई हजार।।

राजधानी है तिरुअनंतपुरम,
कोचीन प्रमुख है बंदरगाह।
शोभा निरखने केरल की,
हर मन में होती है चाह।।

साभार - देवपु‍त्र

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