बाल कविता : गर्मी आई

Webdunia
- रुद्र श्रीवास्तव‌

FILE


गर्मी आई गर्मी आई,
धूप‍‍‍ पसीना लेकर आई।

सूरज सिर पर चढ़ आता है,
अग्नि के बम बरसाता है।

मुझे नहीं यह बिलकुल भाई।
गर्मी आई गर्मी आई।

चलो बरफ के गोले खाएं,
ठेले से अंगूर ले आएं।

मम्मी दूध मलाई लाई।

गर्मी आई गर्मी आई।


वेबदुनिया पर पढ़ें

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

क्या आप भी शुभांशु शुक्ला की तरह एस्ट्रोनॉट बनना चाहते हैं, जानिए अंतरिक्ष में जाने के लिए किस डिग्री और योग्यता की है जरूरत

हार्ट अटैक से एक महीने पहले बॉडी देती है ये 7 सिग्नल, कहीं आप तो नहीं कर रहे अनदेखा?

बाजार में कितने रुपए का मिलता है ब्लैक वॉटर? क्या हर व्यक्ति पी सकता है ये पानी?

बालों और त्वचा के लिए अमृत है आंवला, जानिए सेवन का सही तरीका

सफेद चीनी छोड़ने के 6 जबरदस्त फायदे, सेहत से जुड़ी हर परेशानी हो सकती है दूर

सभी देखें

नवीनतम

आरओ के पानी से भी बेहतर घर पर अल्कलाइन वाटर कैसे बनाएं?

FSSAI प्रतिबंध के बावजूद कैल्शियम कार्बाइड से पके फलों की बिक्री जारी, जानिए आपकी सेहत से कैसे हो रहा खिलवाड़

बॉडी में बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल? ऐसे करें पता

'अ' अक्षर से ढूंढ रहे हैं बेटे के लिए नाम, ये रही अर्थ के साथ खूबसूरत नामों की लिस्ट

पुनर्जन्म के संकेतों से कैसे होती है नए दलाई लामा की पहचान, जानिए कैसे चुना जाता है उत्तराधिकारी