लघु बाल कहानी : हाथी और बंदर

Webdunia
- आदित्य धाकड़


 
एक हाथी था। उसका मित्र बंदर था। लेकिन एक दिन उन दोनों की मित्रता टूट गई। तो हाथी और बंदर अलग-अलग हो गए।
 
एक दिन बंदर ने हाथी को चिढ़ाया। वह बोला- 'लंबी सूंड सूपा जैसे कान, मोटे-मोटे पैर।'

यह सुनकर हाथी को गुस्सा आया तो वह भी बंदर को चिढ़ाने लगा। इतनी लंबी पूंछ काला, मुंह का बंदर।'
 
यह सुनकर बंदर को भी गुस्सा आया।

उसने हाथी को नाखून गड़ा दिए, तो हाथी ने उसको सूंड से पकड़कर गोल-गोल घुमाकर नदीं में फेंक दिया, तो बंदर चिल्लाने लगा।


 




 
हाथी मुझे बचाओ-बचाओ। हाथी को दया आ गई और उसे पानी से बाहर निकाल लिया।
 
बंदर ने हाथी से माफी मांगी, मुझे माफ कर दो। हाथी ने बंदर को माफ कर दिया और दोनों फिर से अच्छे से रहने लग गए।

साभार- देवपुत्र 

 
Show comments

डायबिटीज के हैं मरीज और रात को लगती है भूख? तो ऐसे करें नाइट क्रेविंग को कंट्रोल

बीमारियों की असली वजह हैं हेल्दी दिखने वाले ये फल, डाइटिशियन से जानें इन फलों का सच

सिर्फ त्वचा के लिए ही नहीं, हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद है गुलाब, जानें 7 फायदे

लू से बचना है तो घर से निकलने से पहले पिएं ये देसी ड्रिंक

ऑफिस में लंच के बाद आए नींद तो करें ये 5 काम

आपको हंसा देगा प्रेमी-प्रेमिका का यह मजेदार चुटकुला: संगीत की ताकत!

Swaminarayan : स्वामीनारायण कौन थे और स्वामीनारायण संप्रदाय का इतिहास जानें

Chatrapati Shivaji: छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि, जानें 5 बड़ी बातें

02 अप्रैल: विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस, जानें इतिहास, लक्षण और 2024 की थीम

जन भावना को समझ कर काम करने से हो रहा विस्तार