पितृ पक्ष पर कबीरदास की प्रेरणादायी कहानी ...

Webdunia
एक बार गुरु रामानंद ने कबीर से कहा कि हे कबीर! आज श्राद्ध का दिन है और पितरों के लिए खीर बनानी है।  आप जाइए, पितरों की खीर के लिए दूध ले आइए...।
 
कबीर उस समय 9 वर्ष के ही थे। वे दूध का बरतन लेकर चल पड़े। चलते-चलते रास्ते में उन्हें एक गाय मरी हुई पड़ी मिली। कबीर ने आस-पास से घास को उखाड़कर गाय के पास डाल दिया और वहीं पर बैठ गए।
दूध का बरतन भी पास ही रख लिया।
 
काफी देर हो गई। जब कबीर नहीं लौटे, तो गुरु रामानंद ने सोचा कि पितरों को भोजन कराने का समय हो गया है लेकिन कबीर अभी तक नहीं आया। ऐसा सोचकर रामानंद जी खुद चल दूध लेने पड़े।
 
जब वे चलते-चलते आगे पहुंचे, तो देखा कि कबीर एक मरी हुई गाय के पास बरतन रखे बैठे हैं। यह देखकर गुरु रामानंद बोले -  अरे कबीर तू दूध लेने नहीं गया.?
 
कबीर बोले -  स्वामीजी, ये गाय पहले घास खाएगी तभी तो दूध देगी।
रामानंद बोले -  अरे ये गाय तो मरी हुई है, ये घास कैसे खाएगी?
 
कबीर बोले - स्वामी जी, ये गाय तो आज मरी है। जब आज मरी गाय घास नहीं खा सकती, तो आपके 100 साल पहले मरे हुए पितृ खीर कैसे खाएंगे...?
 
यह सुनते ही रामानंद जी मौन हो गए और उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ
 
माटी का एक नाग बना के, पुजे लोग लुगाया
जिंदा नाग जब घर में निकले, ले लाठी धमकाया
  
जिंदा बाप कोई न पूजे, मरे बाद पुजवाया
मुठ्ठीभर चावल ले के कौवे को बाप बनाया
 
यह दुनिया कितनी बावरी है, जो पत्थर पूजे जाए
घर की चकिया कोई न पूजे, जिसका पीसा खाए
 
भावार्थ - जो जीवित हैं उनकी सेवा करो। वही सच्चा श्राद्ध है।
संत कबीर

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

ट्रंप क्यों नहीं चाहते Apple अपने प्रोडक्ट भारत में बनाए?

क्यों पद्मश्री से नवाजे गए ब्राजील के वेदांत आचार्य जोनास मसेट्टी? जानिए एक विदेशी आचार्य की प्रेरणादायक कहानी

अगला लेख