मजेदार कहानी: लोमड़ी के खट्‍टे अंगूर

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यह कहानी एक लोमड़ी (Lomdi) की है। एक बार एक चालाक लोमड़ी को बहुत भूख ली थी और कुछ खाने की तलाश में थी। हर जगह जाकर उसने खाना ढूंढा, लेकिन उसे कुछ भी खाने के लिए नहीं मिला। आखिरकार भूख से गड़गड़ाहट की आवाज करने वाले अपने पेट को लेकर, थक-हार कर वो वह एक किसान के घर की दीवार के पास आकर रुक गई। 
 
उस दीवार के ऊपर, ऐसे अंगूर का पेड़ था, जिसमें से रसभरे अंगूर लटक रहे थे, इतने स्वादिष्‍ट कि उसने शायद ही कभी देखे होंगे। गहरे जामुनी रंग के अंगूर देखकर लोमड़ी को यह अंदाजा तो हो गया था कि यह अंगूर एकदम पके हुए और खाने के लिए एकदम तैयार हैं। 
 
जब लोमड़ी ने अपने मुंह में अंगूर पकड़ने के लिए हवा में एक ऊंची छलांग लगाई, लेकिन वह उन तक पहुंच नहीं पाई। उसने पहले कोशिश की, कई बार कोशिश के बाद भी वह अंगूरों तक पहुंच नहीं पाई।


आखिरकार जैसे-तैसे लोमड़ी ने घर वापसी का फैसला लिया और पूरे रास्ते यही बड़बड़ाती रही, 'मुझे पूरा यकीन है कि वे अंगूर खट्टे (Khatte Angur) ही थे’। लोमड़ी को अंगूर मिले ना ही उसकी भूख मिट सकी। अपना मन मसोस कर पैर पटकते हुए वह घर को लौट आई। 

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