आधुनिक नीति कथा : रुकिए, आपका अंत निकट है..

…हम आपका जीवन बचा सकते हैं

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घने जंगल से गुजरती हुई सड़क के किनारे एक ज्ञानी गुरु अपने चेले के साथ एक साइन बोर्ड लगाकर बैठे हुए थे, जिस पर लिखा था- 'ठहरिए… आपका अंत निकट है! इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, रुकिए! …हम आपका जीवन बचा सकते हैं!'

एक कार फर्राटा भरते हुए वहां से गुजरी- चेले ने ड्राइवर को बोर्ड पढ़ने के लिए इशारा किया…

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ड्राइवर ने बोर्ड की ओर देखकर भद्दी-सी गाली दी और चेले से यह कहता हुआ निकल गया- 'तुम लोग बियाबान के जंगल में भी धंधा कर रहे हो, शर्म आनी चाहिए!'

चेले ने असहाय नजरों से गुरुजी की ओर देखा। गुरुजी बोले - 'जैसे प्रभु की इच्छा!'

कुछ ही पल बाद कार के ब्रेकों के चीखने की आवाज आई और एक जोरदार धमाका हुआ।

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कुछ देर बाद एक मिनी-ट्रक निकला। उसका ड्राइवर भी चेले को दुत्कारते हुए बिना रुके आगे चला गया।

कुछ ही पल बाद फिर ब्रेकों के चीखने की आवाज और फिर धड़ाम….!

गुरुजी फिर बोले- 'जैसी प्रभु की इच्छा!'


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अब चेले से नहीं रहा गया। बोला- 'गुरुजी, प्रभु की इच्छा तो ठीक है, पर कैसा रहे यदि हम इस बोर्ड पर सीधे-सीधे लिख दें कि-

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.....

' आगे पुलिया टूटी हुई है'… !!!'

- फेसबुक यूजर्स

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