पेपर टेक्नोलॉजी में कैरियर संभावनाएं

झरना सरियाल

Webdunia
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जैसे बढ़ने के लिए खाना जरूरी है वैसे ही लिखने के लिए कागज जरूरी है। चाहे लिखने के लिए साधारण कागज हो, ड्राइंग पेपर हो, अखबार हो, विजिटिंग कार्ड हो या सामान रखने के लिए पेपर बैग्स हों, रोजमर्रा की जिंदगी में किसी न किसी तरीके से हम कागज का इस्तेमाल करते ही हैं ।

आजकल पॉलीथिन का प्रयोग कम होने से कागज का उपयोग और भी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसा भी नहीं है कि पेपर सिर्फ कॉपी, अखबार या मैगजीन के लिए ही रह गया है, अब इसमें कई नई तरह की सजावट होने लगी हैं और कई प्रकार के सजावटी कागजों को बनाया जाने लगा है।

इसकी वजह से इसमें कई तरह की तकनीक भी जुड़ गई हैं। हम यह तो जानते हैं कि कागज पेपर मिल में बनते हैं लेकिन इसके पीछे भी कई प्रकार की प्रौद्योगिकी जुड़ी होती हैं जिसका प्रबंधन पेपर टेक्नोलॉजिस्ट करते हैं। इसीलिए आजकल पेपर टेक्नोलॉजिस्ट कैरियर का अच्छा विकल्प है।

इनका काम विभिन्न उपकरणों के इस्तेमाल से कागज बनाना और डिजाइनिंग करना है। साथ ही कच्चे माल जैसे वेस्ट पेपर, वुड पल्प आदि की जानकारी होनी भी जरूरी है। इतना ही नहीं पेपर टेक्नोलॉजिस्ट को सामान की क्वालिटी की भी पूरी परख होनी चाहिए क्योंकि कागज बनाने के प्रक्रिया में कई तरह के रंग, रसायन, ऐडिटिव और फिनिश का इस्तेमाल किया जाता है और अलग-अलग तापमान व प्रेशर पर भी नियंत्रण रखना होता है।

पेपर टेक्नोलॉजिस्ट को नए उत्पादों की जानकारी, ग्राहकों की तकनीकी समस्याओं का हल और टेक्नीकल रिपोर्ट भी लिखनी होती है। कई बार टेक्नोलॉजिस्ट पर प्रोडक्शन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी भी होती है इसलिए इनको अपने ऑफिस और प्रोडक्शन एरिया के बीच तालमेल बैठाना होता है।

वैसे यह कैरियर तकनीक से संबंधित है इसलिए इसमें विज्ञान की पढ़ाई होनी जरूरी है। इसमें लोगों से बातचीत करना और सही कार्यक्षमता होना जरूरी है। पेपर टेक्नोलॉजिस्ट को ज्यादातर पेपर मिल में नौकरी मिलती है। साथ ही, यह ऐसी कंपनियों में भी काम कर सकते हैं जो कैमिकल और मशीनरी पेपर मिल में निर्यात करते हैं।

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इसके अलावा, कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थान में भी रिसर्चर की पोस्ट मिल सकती है। वैसे पेपर टेक्नोलॉजिस्ट को मैकेनिकल और कैमिकल दोनों ही इंजीनियरिंग के लिए विशेष क्षेत्र की जानकारी होती है। यहां आप पल्पिंग और प्रोसेस, कैमिकल सप्लाई, पेपर मशीन डिजाइन, पेपर और बोर्ड मेकिंग, कंर्वटिंग और कोटिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, और प्रिंटिंग इंडस्ट्री में भी काम कर सकते हैं।

इस काम का अगर थोड़ा सा अनुभव हो तो अपना कारोबार भी खोला जा सकता है। इसमें न्यूनतम योग्यता बारहवीं कक्षा है, कई संस्थानों में डिग्री कोर्स के साथ-साथ डिप्लोमा कोर्स भी मौजूद हैं। हालांकि, पेपर टेक्नोलॉजी अच्छे कॅरिअर के रूप में उभर रहा है, फिर भी इसमें बहुत ज्यादा इंस्टिट्यूट नहीं हैं जो इस विषय में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री देते हैं।

यहां से करें कोर्स
- रुड़की विश्वविद्यालय, इंस्टिट्यूट ऑफ पेपर टेक्नोलॉजी
- इंडियन पल्प एंड पेपर टेक्नीकल एसोसिएशन, सहारनपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल

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