आकाश में दिखने लगी है स्पाईरल निहारिका

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साबुन के बुलबुले की तरह बना हमारा ब्रह्मांड करोड़ों निहारिकाओं (गैलेक्सी) के समूह से भरा हुआ है। इसमें हमारी आकाशगंगा के सबसे नजदीक सुप्रसिद्घ एंड्रोमेडा है। यह भी स्पाईरल निहारिका है।

इसे हम कोरी आंखों से उत्तरी आकाश में शर्मिष्ठा (केसेपिया) तारामंडल से दक्षिण की ओर कुछ दूरी पर एक छोटे धुंधले बादल के रूप में देख सकते हैं।

इन दिनों आधी रात के आकाश में यह दिखाई देने लगी है। टेलीस्कोप से देखने पर यह बैलगाड़ी के चक्के के समान दिखाई देती है। कोरी आंखों से जरा ध्यान से देखना होता है।

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वराह मिहिर शोध संस्थान के खगोल विज्ञानी संजय कैथवास ने बताया कि करोड़ों तारों से निर्मित एंड्रोमेडा गैलेक्सी हमसे 22 लाख प्रकाश वर्ष की दूरी पर मौजूद है। एक प्रकाश वर्ष 96 खरब किमी के बराबर होता है।

यह दूरी इतनी है कि यदि हम प्रकाशीय वेग से इसकी यात्रा करें तो उस तक पहुंचने में ही हमें 22 लाख वर्षों का समय लग जाएगा।

यह गैलेक्सी दूधिया रंग में चमकती नजर आती है। वैज्ञानिकों को उसमें जीवन होने की पूरी उम्मीद है। इसको देखने के लिए अंधेरी रात और अंधेरे इलाके का होना आवश्यक है।
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