दुर्लभ भारतीय भाषाओं की हिफाजत

Webdunia
रविवार, 12 दिसंबर 2010 (21:20 IST)
भारत तथा दुनिया के किसी भी हिस्से में विलुप्ति की कगार पर खड़ी तथा बोलचाल में इस्तेमाल से दूर हो रही भाषाओं को लोगों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने एक विशेष परियोजना शुरू की है।

इस डाटाबेस को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने वर्ल्ड ओरल लिटरेचर प्रोजेक्ट की वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू डॉट ओरल लिटरेचर डॉट ओआरजी पर तैयार किया है।

इस परियोजना के तहत केरल के पलक्कड जिले के मुदुगर और कुरूम्बर समुदायों के साहित्य और संस्कृति को डीजिटल वीडियो, आडियो और फोटोग्राफी को शामिल किया गया है।

भारत आधारित अन्य परियोजना में राजस्थान के बूंदी जिले के थिकारदा गाँव में नाग देवता ‘तेजाजी’ के जीवन के बारे में माली समुदाय द्वारा गाई जाने वाली 20 घंटों वाली स्तुति की रिकॉर्डिंग भी शामिल है।

इसमें राजस्थान के हदोती क्षेत्र में तेजाजी परंपरा पर वृत्तचित्र बनाया जाना भी शामिल है। इस रिकार्डिंग को हदोती से हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद किया जाएगा और इसे एक पुस्तिका तथा डीवीडी के रूप में बाँटा जाएगा।

विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना में विश्व की 3,524 भाषाओं को रिकार्ड को शामिल किया गया है। (भाषा)
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