मंगल ग्रह पर मिला सबसे बड़ा ज्वालामुखी

Webdunia
ह्यूस्टन। वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह यानी मंगल पर कम से कम 2 अरब साल पुराने ज्वालामुखी की गतिविधियों का पता लगाया है। यह जानकारी मंगल ग्रह के एक उल्कापिंड के विश्लेषण से हासिल हुई है।
 
इस खोज से इस बात की पुष्टि होती है कि सौर मंडल में सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहने वाले कुछ ज्वालामुखी इस ग्रह पर रहे हो सकते हैं। शील्ड ज्वालामुखी और इससे निकलने वाले लावा से लंबी दूरी तक लावा मैदानों का निर्माण होता है। यह निर्माण पृथ्वी के हवाई द्वीप की संरचना जैसा ही है।
 
मंगल ग्रह का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलंपस मून है, जो करीब 27.3 किलोमीटर ऊंचा है। इसकी ऊंचाई पृथ्वी के हवाई स्थित सबसे ऊंचे ज्वालामुखी 'मौना की' से लगभग 3 गुना है। 'मौना की' की ऊंचाई 10 किलोमीटर है।
 
अमेरिका में ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टॉम लापेन ने बताया कि इस अध्ययन से ग्रह के विकसित होने के नए सुराग और मंगल पर ज्वालामुखी गतिविधि के इतिहास का पता चला है। मंगल ग्रह पर स्थित ज्वालामुखी के पत्थरों के घटक का पता हमें अभी तक पृथ्वी पर मिले उल्कापिंडों से ही चला है। यह अध्ययन 'जर्नल साइंस एडवांस' में प्रकाशित हुआ है। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

LoC से सटे उड़ी को भूतिया शहर बना दिया पाक गोलाबारी ने

भारत को कैसे मिलेगा POK, सेना के पूर्व DGMO ने बताया तरीका

अमेरिका में कर लगने से भारतीयों के लिए घर पैसा भेजना होगा महंगा

पाकिस्तान को दुनिया में बेनकाब करेंगे भारत के सांसद, कांग्रेस से कौन कौन?

नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुई बहादुर K9 सिपाही ‘रोलो’!

सभी देखें

नवीनतम

नीरज चोपड़ा ने 90 मीटर की बाधा पार की, फिर भी दोहा में दूसरे स्थान पर रहे

Bihar : सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबर, सरकार ने बढ़ाया महंगाई भत्ता, जानिए कितनी हुई बढ़ोतरी

UP : हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 2 लोगों की मौत, आरोपी महिला डॉक्‍टर फरार, एफआईआर दर्ज

रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता रही बेनतीजा, चर्चा को लेकर यूक्रेन ने लगाया यह आरोप

शहबाज शरीफ के जहरीले बोल, कहा- करारा जवाब देंगे, पाक सेना ने रचा इतिहास

अगला लेख