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पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में दिखी रहस्यमयी X- आकार की संरचना, क्या है सौर तूफान से इसका संबंध

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WD Feature Desk

, शनिवार, 7 जून 2025 (10:03 IST)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक उपग्रह ने पृथ्वी के आयनमंडल में रहस्यमयी X- और C-आकार की संरचनाएं देखी हैं। आयन मंडल पृथ्वी के वायुमंडल का एक विद्युतीकृत क्षेत्र है जो सूर्य से विकिरण के वायुमंडल पर पड़ने के कारण मौजूद है। मौजूदा समय में सौर तूफान के प्रभाव में धरती है। बताया जाता है कि इससे 1940 में इस संरचना को देखा गया था। नासा ने कहा है कि उसके वैज्ञानिकों को भी ऐसी संरचनाओं के निर्माण का कारण पता नहीं है। इसका सौर तूफान और ज्वालाओं से क्या कनेक्शन है यह भी अभी पता नहीं है। इसके लिए सौर विकरण या ज्वालामुखी को जिम्मेदार मानना अभी जल्दबाजी होगी।
 
नासा के गोल्ड मिशन ने देखी x संरचनाएं
NASA का ग्लोबल-स्केल ऑब्जर्वेशन ऑफ द लिम्ब एंड डिस्क (GOLD) मिशन एक भूस्थिर उपग्रह है जो अक्टूबर 2018 में लॉन्च होने के बाद से पृथ्वी के आयनमंडल में घनत्व और तापमान को माप रहा है। दिन के दौरान इस आयनमंडल का घनत्व बढ़ जाता है क्योंकि इसके अणु विद्युत रूप से आवेशित हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूर्य के प्रकाश के कारण इलेक्ट्रॉन परमाणुओं और अणुओं से अलग हो जाते हैं, जिससे प्लाज्मा बनता है जो रेडियो संकेतों को लंबी दूरी तक यात्रा करने में सक्षम बनाता है। आयनमंडल का घनत्व रात में गिरता है और नासा का लॉन्च किया गया GOLD सैटेलाइट इसी पर नजर बनाए रखता था। 
 
पश्चिमी गोलार्ध के ऊपर अपनी भूस्थिर कक्षा से GOLD हाल ही में भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में स्थित आयनमंडल में कणों के दो घने शिखरों का अध्ययन कर रहा था। जैसे ही रात होती है, इन शिखरों के भीतर कम घनत्व वाले बुलबुले दिखाई देते हैं जो रेडियो और GPS संकेतों में बाधा डाल सकते हैं। अपने नए अवलोकनों में, GOLD ने आयनमंडल में इनमें से कुछ परिचित X आकार पाए। हालांकि, उन्हें बनाने के लिए किसी भी प्रकार का सौर या ज्वालामुखीय कारक नहीं था। 
 
कोलोराडो विश्वविद्यालय के वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (LASP) के शोध वैज्ञानिक फजलुल लस्कर ने एक बयान में कहा, “एक्स संचरना की पिछली रिपोर्टें केवल भू-चुंबकीय रूप से कमजोर स्थितियों के दौरान ही थीं।” लस्कर अप्रैल में जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च: स्पेस फिजिक्स में प्रकाशित एक पेपर के मुख्य लेखक हैं, जिसमें इन अप्रत्याशित टिप्पणियों का वर्णन किया गया है।

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