पृथ्वी के सुरक्षा कवच की तरह है ओजोन परत

16 सितंबर : ओजोन दिवस पर विशेष

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ओजोन परत के बारे में लोग आम तौर पर भले ही ज्यादा न जानते हों लेकिन यह पृथ्वी और पर्यावरण के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है तथा इसे सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) किरणों से बचाती है।

‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट’ में प्रबंधक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन) राजीव छिब्बर ने ओजोन दिवस पर जानकारी देते हुए कहा कि ओजोन परत बहुत ही महत्वपूर्ण है जो सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (यूवी) किरणों से हमारी रक्षा करती है।

उन्होंने ई-मेल के जरिए बताया, ‘बिना ओजोन परत के हम जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि इन किरणों के कारण कैंसर, फसलों को नुकसान और समुद्री जीवों को खतरा पैदा हो सकता है और ओजोन परत इन्हीं पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है।’

छिब्बर ने कहा, ‘आस्ट्रेलिया का उदाहरण हमारे सामने हैं, जहां ओजोन परत को काफी नुकसान पहुंचा है। इसी नुकसान की वजह से सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बड़ी संख्या में वहां लोग त्वचा के कैंसर का शिकार हुए हैं।’

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एक अन्य खतरा इसके कारण ध्रुवों के पिघलने का है। अंटार्कटिका में ओजोन में एक बड़ा छेद हो गया है। अंटार्कटिका क्षेत्र में बड़े हिमखंड हैं। यदि ये हिमखंड पिघलते हैं तो तटीय क्षेत्रों में बाढ़ सहित कई खतरे पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा गर्मी भी बढ़ेगी जो नुकसानदायी होगी।

छिब्बर ने कहा, ‘ओजोन परत की क्षरण के लिए क्लोरीन और ब्रोमीन के अणु जिम्मेदार हैं। जब इन अणुओं से युक्त गैसे पर्यावरण में छोड़ी जाती हैं तो ये कालांतर में ओजोन परत के क्षरण का कारण बनती हैं। ओजोन को नुकसान पहुंचाने वाली सबसे आम हैलोजन गैस क्लोरोफ्लोरो कार्बन है जिसे सीएफसी के नाम से भी जाना जाता है।’

इसे बचाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के बारे में बताते हुए छिब्बर ने कहा कि सबसे पहले तो जरूरी है कि लोग ओजोन परत और इसके संरक्षण को लेकर जागरूक हों।

उन्होंने कहा, ‘सभी लोगों को उन पदार्थों और उनके नुकसान को लेकर जागरूक रहना चाहिए जो इस परत को नुकसान पहुंचाते हैं। कई आसान तरीके हैं जिन्हें अपनाकर ओजोन परत को बचाया जा सकता है जैसे पर्यावरण मित्र उत्पादों का इस्तेमाल करना, एयरोसोल और अन्य सीएफसी से युक्त चीजों के उपयोग से बचना, पौधारोपण को बढ़ावा देना, यदि फ्रीजर और एसी काम नहीं कर रहा तो उसे ठीक करवाना आदि। इस तरह की कई छोटी छोटी बाते हैं जिनका ध्यान रखकर ओजोन परत को बचाने में योगदान दिया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि ओजोन परत तकरीबन 97 से 99 प्रतिशत तक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती है। इसके संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मांट्रियल प्रोटोकॉल के अनुसार 16 सितंबर को ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है। ( भाषा)

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