लाल किताब के अनुसार प्रत्येक ग्रह उम्र के एक विशेष वर्ष में जागृत होकर अच्छे या बुरे फल देता है। यदि आपकी उम्र 42 से लेकर 48 वर्ष के मध्य है तो आप निम्नलिखित 5 उपाय आजमाकर संपूर्ण वर्ष को शानदार तरीके से सफल बना सकते हैं।
लाल किताब के अनुसार 42 वर्ष से 48 वर्ष की उम्र तक राहु और केतु का प्रभाव प्रारंभ होता है। अर्थात राहु 42वें वर्ष के पश्चात और केतु 48वें वर्ष के पश्चात सक्रिय होता है। हालांकि केतु संतान के जन्म के पश्चात भी सक्रिय हो जाता है फिर भले ही जातक की संतान किसी भी उम्र में जन्मी हो। यह दोनों ही ग्रह जागृ होने के पश्चात शुभ या अशुभ फल देते हैं।
यदि आपकी कुंडली में इनमें से कोई भी ग्रह खराब हो रहा है तो सावधान रहने की जरूरत है। यही उम्र आपके जीवन में स्थायित्व लाने के साथ ही बहुत कुछ बर्बादी भी लाती है। मतलब जो कर्म और भाग्य से अर्जित किया है वह बुरे कर्मों के चलते चला भी जाएगा। यदि आप निम्नलिखित उपाय करते हैं तो इस वर्ष आप मनचाही सफलता अर्जित कर सकते हैं।
राहु के लिए उपाय:-
1. ससुराल पक्ष से संबंध अच्छे बनाकर रखें।
2. माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाएं और नारिलय के पेड को जल चढ़ाएं।
3. शौचालय, सीढ़ियां और स्नानघर को साफ सुथरा रखें।
4. गुरुवार का व्रत रखें। भोजन कक्ष में ही भोजन करें और मांस और मदिरा से दूर रहें।
5. भैरू महाराज को कच्चा दूध या शराब चढ़ाएं और प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
केतु के लिए उपाय:-
1. भगवान, गणेश की आराधना करें।
2. इमली के पेड़ एवं केले के पौधे को जल चढ़ाएं।
3. कान छिदवाएं और उसमें सोने का तार डालें।
4. संतानें केतु हैं। इसलिए संतानों से संबंध अच्छे रखें।
5. दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं और काला-सफेद दोरंगी कंबल का दान करें।