राहु की राह को जानें

अनिरुद्ध जोशी
देवता : सरस्वती
पेशा : सेवा
रंग : काला
नक्षत्र : आर्द्रा 
सिफत : चालबाज, मक्कार, नीच, जालिम
गुण : सोचने की ताकत, डर, शत्रुता
शक्ति : कल्पना शक्ति का स्वामी, पूर्वाभास तथा अदृश्य को देखने की शक्ति।
शरीर का भाग : ठोड़ी, सिर
पोशाक : पायजामा, पतलून
पशु : हाथी, काँटेदार जंगली चूहा
वृक्ष : नारियल का पेड़, कुत्ता घास
वस्तु : नीलम, सिक्का, गोमेद
राशि : मित्र- बु., श., के.,। शत्रु- सू., म., च.,। सम- बृ., बु., श.।
 
बिजली की चमक : बुध ग्रह हमारी बुद्धि का कारण है, लेकिन जो ज्ञान हमारी बुद्धि के बावजूद पैदा होता है उसका कारण राहु है। जैसे मान लो कि अकस्मात हमारे दिमाग में कोई विचार आया या आइडिया आया तो उसका कारण राहु है। राहु हमारी कल्पना शक्ति है तो बुध उसे साकार करने के लिए बुद्धि कौशल पैदा करता है।
 
कौंन है राहु : मान लो कि धरती स्थिर है तब उसके चारों ओर सूर्य का एक काल्पनिक परिभ्रमण-पथ बनता है। पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा का एक परिभ्रमण पथ है ही। ये दोनों परिभ्रमण-पथ एक-दूसरे को दो बिन्दुओं पर काटते हैं। एक पिंड की छाया दूसरे पिंडों पर पड़ने से ही सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण होते हैं। 
 
दोनों ही समय इन्होंने पाया होगा कि सूर्य, चंद्र, पृथ्वी एवं सूर्य, चंद्र के परिभ्रमण-पथ पर कटने वाले दोनों बिन्दु लम्बवत हैं। इन्हीं बिन्दुओं के एक सीध में होने के फलस्वरूप खास अमावस्या के दिन सूर्य तथा खास पूर्णिमा की रात्रि को चंद्र आकाश से लुप्त हो जाता है। प्राचीन ज्योतिषियों ने इन बिन्दुओं को महत्वपूर्ण पाकर इन बिन्दुओं का नामकरण 'राहु' और 'केतु' कर दिया।
 
पुराण अनुसार : पुराणों के अनुसार राहु सूर्य से 10,000 योजन नीचे रहकर अंतरिक्ष में भ्रमणशील रहता है। कुण्डली में राहु-केतु परस्पर 6 राशि और 180 अंश की दूरी पर दृष्टिगोचर होते हैं जो सामान्यतः आमने-सामने की राशियों में स्थित प्रतीत होते हैं। इनकी दैनिक गति 3 कला और 11 विकला है। ज्योतिष के अनुसार 18 वर्ष 7 माह, 18 दिवस और 15 घटी, ये संपूर्ण राशियों में भ्रमण करने में लेते हैं।

ग्रह नहीं : राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया। छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है। कहते हैं कि रोज पीपल की छाया में सोने वाले को किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता लेकिन यदि बबूल की छाया में सोते रहें तो दमा या चर्म रोग हो सकता है। इसी तरह ग्रहों की छाया का हमारे जीवन में असर होता है।
 
 
तेज : व्यक्ति दौलतमंद होगा। कल्पना शक्ति तेज होगी। रहस्यमय या धार्मिक बातों में रुचि लेगा। राहु के अच्छा होने से व्यक्ति में श्रेष्ठ साहित्यकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक या फिर रहस्यमय विद्याओं के गुणों का विकास होता है। इसका दूसरा पक्ष यह कि इसके अच्छा होने से राजयोग भी फलित हो सकता है। आमतौर पर पुलिस या प्रशासन में इसके लोग ज्यादा होते हैं।
 
 
मंदा : व्यक्ति बेईमान या धोखेबाज होगा। ऐसे व्यक्ति की तरक्की की शर्त नहीं। राहु का खराब होना अर्थात दिमाग की खराबियाँ होंगी, व्यर्थ के दुश्मन पैदा होंगे, सिर में चोट लग सकती है। व्यक्ति मद्यपान या संभोग में ज्यादा रत रह सकता है।
 
 
उपाय : सरस्वती का ध्यान, ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखना, सिर में चोटी रखना आदि।
 

सम्बंधित जानकारी

शुक्र का कुंभ राशि में गोचर, इन 2 राशियों के लोगों को होगा नुकसान

क्या होता है मलमास, जानें कब तक रहेगा खरमास

kumbh mela 2025: कब से शुरू होगा प्रयागराज महाकुंभ मेला, पढ़ें ऐतिहासिक जानकारी

Mahakumbh 2025: क्या होता है कुम्भ में शाही स्नान का महत्व, जानिए 12 साल बाद होने वाले स्नान पर्व आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी

Lal Kitab Rashifal 2025: मेष राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और साढ़ेसाती के अचूक उपाय

21 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

21 दिसंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

janm dinak se jane bhavishya 2025 : जन्म दिनांक से जानिए कि कैसा रहेगा नया साल 2025

शुभ मंगल सावधान: कब लगेगा शुभ कार्यों पर विराम

Aaj Ka Rashifal: आज इन 4 राशियों को रखना होगा सेहत का ध्यान, पढ़ें 20 दिसंबर का राशिफल

अगला लेख