लाल किताब के अनुसार शनि ग्रह के कारण निर्दयता का ऋण बनता है। यदि आपकी कुंडली में शनि के भावों में बलशली होकर सूर्य, मंगल और चंद्र आए हो तो यह निर्दयता के ऋण को दर्शाता है। आओ जानते हैं कि इस ऋण के लक्षण क्या है। लक्षण जानकर ही उपाय करना चाहिए।
किसे लगता है शनि का यह ऋण : कुंडली में उपरोक्त स्थिति नहीं भी है तो भी यदि आपने किसी का मकान, दुकान या जमीन धोखे से हड़प ली हो, यदि आपने धोखे से किसी की हत्या करवा दी हो, किसी की भूमि को लेकर उसका दाम नहीं चुकाया हो या किसी गरीब या कर्मचारी को परेशान किया हो या उसका धन ना चुकाया हो तो यह ऋण आप पर बनता है।
शनि के इस ऋण के लक्षण : आपने यदि उपरोक्त कार्य किया होगा तो आपकी संतान नकारा हो जाएगी। ससुराल से संबंध खराब होंगे और पुलिस से परेशानी झेलना होगी। परिवार में अनिद्रा का रोग हो जाएगा। परिवार बिना वजह से परेशानी से घिरा रहेगा और आपकी संपत्ति का नाश हो सकता है। घर या ऑफिस में आग लग सकती है। आपके मकान में दक्षिण का प्रभाव होगा।
शनि के इस ऋण के उपाय : खानदान के सभी पुरुष सदस्यों से बराबर का रुपया लेकर 100 गरीबों को भोजन कराएं और तालाबों की लगभग 100 मछलियों को एक माह तक भोजन कराएं। भैरव महाराज और शनि महाराज से क्षमा मांगे। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।