वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां आठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
कैसा होगा जातक : इस खाने में शुक्र को 'चांडाल स्त्री' माना गया है। पत्नी के मुंह से निकला नकारात्मक वचन सत्य सिद्ध हो सकता है। व्यक्ति को अनायस धन प्राप्त होता है। इस घर में कोई भी ग्रह शुभ नहीं होता। शुक्र भी जहरीला हो जाता है। ऐसे जातक का वैवाहिक जीवन सुखमयी नहीं होता। ऐसे जातक की पत्नी दुख पाती है जिसके कारण वह गुस्सैल और अत्यधिक चिड़चिडी हो जाती है।
शुक्र की सावधानियां :
1. कोई भी वस्तु दान के रूप में स्वीकार न करें।
2. किसी के लिए जमानत न दें और न ही कसम खाएं।
3. माता, भाई और बहन का आशीर्वाद लेते रहें और पत्नी से बनाकर रखें। उससे झूठ न बोलें और न उसे भ्रम में रखें।
4. चालचलन उत्तम रखें और नशा करना तो जहर समान समझें।
5. यदि दूसरे भाव में कोई ग्रह न हो तो 25 साल से पहले शादी न करें अन्यथा पत्नी के मरने की संभावना रहेगी।
क्या करें :
1. दही से अपने गुप्तांगों को धोएं।
2. शुक्रवार का व्रत रखना जरूरी और खटाई न खाएं।
3. गाय को चारा खिलाते रहें।
4. तांबे के सिक्के या नीले फूल लगातार दस दिनों तक गटर या गंदे नाले में फेकें।
5. नियमित रूप से मन्दिर जाएं और पूजा स्थलों तथा मंदिरों में सिर झुकाएं।