वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां दूसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
कैसा होगा जातक : यदि इस खाना में शुक्र है तो धन का आभाव नहीं रहता। मोहमाया का उत्तम ग्रहस्थ, अर्थात औरत और गृहस्थी का पूरा सुख मिलेगा। साठ वर्ष की उम्र तक कमाई जारी रहेगी। यदि शनि दो या नौ में है तो शुक्र का असर दोगुना बढ़ जाएगा। स्त्री जातक की कुण्डली में दूसरे भाव में स्थित शुक्र संतान की समस्या जबकि पुरुष जातक की कुण्डली में पुत्र संतान की प्राप्ति में बाधा पैदा करता है।
शुक्र की सावधानियां :
1. शेरमुखी मकान का बुरा असर।
2. मांस, मदिरा और व्यभिचार से बचें।
3. सोने और आभूषणों से संबंधित व्यवसाय हानिकारक लेकिन मिट्टी से जुडा व्यवसाय लाभदायक साबित होंगे।
4. चरित्र को ठीक रखना आवश्यक है अन्यथा दुश्मन की दुश्मनी के शिकार हो जाएंगे।
5. किसी की बुराई करना भाग्य को रोकना सिद्ध होगा। ससुराल पक्ष से संबंध बनाकर रखें।
क्या करें :
1. दूसरों की बजाय सिर्फ ईश्वर से ही मांगे।
2. गायों को हल्दी के पीले रंग से रंगे दो किलोग्राम आलू खिलाएं।
3. मंदिर में दो किलोग्राम गाय का घी भेंट करें।
4. घर और साफ सुधरा रखें।
5. माता लक्ष्मी की पूजा करें।
6. मंगल से संबंधित चीजें जैसे शहद, सौंफ अथवा देशी खांड का उपयोग करें।