चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां आठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : अमृत जैसा पानी नहीं है तो फिर जहर समझो, लेकिन सामान्य पानी की ग्यारंटी नहीं। पढ़ाई होगी तो पूरी होगी अन्यथा पुत्र को भी पढ़ने से रोकते रहेंगे। यह भी हो सकता है कि दोनों को ही तरसते रहें। मंगल और शनि से प्रभावित इस भाव में यदि चंद्रमा है तो जातक की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लेकिन यदि शिक्षा अच्छी है तो जातक को अपनी मां की सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
चंद्र की सावधानियां :
1. जुएं, सट्टे से दूर रहना चाहिए।
2. मांस, मदिरा और अनैतिकता से बचें।
3. माता की सेहत का ध्यान रखें।
4. झूठ न बोलें।
5. किसी भी प्रकार के धोखें से बचें।
क्या करें :
1. घर में चांदी की चीजें रखें।
2. एकादशी का व्रत रखें।
3. अच्छे से श्रद्धा करें और बुजुर्गों और बच्चों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
4. नाक छिदवाकर उसमें 43 दिनों के लिए चांदी का तार डालें।
5. मंदिर में चना व दाल अर्पण करें। सूर्य, गुरु और मंगल की वस्तुएं दान करें।
6. अस्पताल में या श्मशान घाट में हैंड पंप लगवाएं।