सूर्य मेष में उच्च, तुला में नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार उच्च और नीच कुछ अलग तरह से तय होते हैं। पहले घर में सूर्य है तो उसे उच्च ही माना जाएगा। लेकिन लेकिन यहां पहले घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : पहले घर में सूर्य का होना अर्थात जंगल का एकमात्र राजा सिंह। हुकूमत करने वाला। धर्म पर विश्वास रखता हो या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यदि सप्तम भाव रिक्त हो। और यदि सप्तम भाव में शुक्र हो तो पिता की मृत्यु बचपन में ही हुई होगी। सप्तम भाव में बुध हो तो वासना आदि से विरिक्त होगी।
प्रथम भाव में सूर्य होने पर जातक ऊँचा, लम्बा कद, कल्प केश, निरोग एवं मेधावी होगा। जातक में आत्मिक एवं शारीरिक शक्ति प्रबल होगी एवं परोपकारी, चरित्रवान संतोशी, साहसी एवं क्रोधी स्वभाव का होगा। सरकारी उच्च पद को प्राप्त करेगा एवं यश्स्वी एवं प्रसिद्ध होगा। सन्तान कम होगी एवं स्वयं परिश्रम से धनी बनेगा। परंपराओं को मानने वाला एवं शराब एवं नशीले पदार्थो से दूर रहने वाला होगा। कानों सुनी बातों की अपेक्षा देखकर विश्वास करने वाला होगा।
पांच सावधानियां
1. दिन में सहवास से बचें।
2. इंसाफ पसंद नहीं है तो बर्बादी। जरूरी है कि हुक्म चलाते हुए जरूरत से ज्यादा नरमी न बरतें।
3. शादी 24 वर्ष से पहले ही कर लें वर्ना पछताएंगे। सूर्य अशुभ होने पर विवाह शीघ्र करना उत्तम होगा।
4. पति या पत्नी दोनों में से किसी एक को गुड़ खाना बंद कर देना चाहिए।
5. मुंह में मीठा डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से निकलें और पिता का सम्मान करें।
ये पांच कार्य करें
1. घर के बाहर या कहीं पर भी लोगों के लिए प्याऊ या नल लगाएं।
2. सूर्य प्रथम भाव में नीचा हो तो पैतृक घर में हैंडपंप लगाएं।
3. रविवार के दिन देसी खांड, मसूर की दाल, सौंफ, छुआरे, शहद का दान करना चाहिए।
4. भगववान विष्णु की उपासना और सूर्य को अर्ध्य देना।
5. रविवार का व्रत रखना चाहिए।