सभी संकटों से मुक्ति दिलाए, ये 10 टोटके

अनिरुद्ध जोशी
कई बार ऐसा होता है कि बहुत प्रयास करने के बाद भी कोई काम नहीं बनता और यदि बन भी जाता है तो बनते-बनते बिगड़ जाता है। सफलता आते-आते आपके हाथों से फिसल जाती है। आखिर इसके पीछे कुछ तो कारण होगा?


माना जाता है कि पितृदोष, कालसर्प दोष और ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव के कारण कभी कोई सुख प्रा‍प्त नहीं होता, तो कभी देवी-देवताओं के प्रति किए गए अपराध के चलते भी दुखों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सब ठीक होने के बावजूद कभी-कभी वास्तुदोष के कारण भी व्यक्ति समस्याओं से घिरा रहता है।
 
 
उपरोक्त कारणों के चलते व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है, संतान सुख चला जाता है, गृहकलह बढ़ जाती है, धन-समृद्धि भी साथ छोड़ देती है, दरिद्रता पीछे लग जाती है, रोग और शोक भी परेशान करते रहते हैं। इस तरह की अन्य कई समस्याओं से व्यक्ति घिर जाता है।

आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या हो और बिगड़े काम नहीं बन रहे हो तो ज्योतिषियों द्वारा बताए गए अद्भुत उपाय अपनाएं और बिगड़े काम बनाएं। विदेश यात्रा में अड़चन, उन्नति में रुकावट, धन प्राप्ति में कठिनाई, विवाह में विलंब आदि सभी तरह के कार्यों के समाधान के लिए यहां प्रस्तुत हैं ऐसे ही कुछ उपाय या टोटके जिसको करने से सभी तरह की सम्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है।
 
अगले पन्ने पर पहला उपाय...
 
 
 
 
 
 
 


 


हनुमान चालीसा : प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और उनको बनारसी पान का बीड़ा भी अर्पित करें। आपके बिगड़े काम फिर से बनने लगेंगे। 
 
हनुमान चालीसा पढ़ने से जहां पितृदोष, राहुदोष, मंगलदोष आदि दूर होते हैं वहीं भूत-प्रेतादि का बुरा साया भी हट जाता है। मंगल कामना और भावना से हनुमानजी से जुड़ने से वे सभी तरह के संकटों से ‍मुक्ति दिला देते हैं।
 
अगले पन्ने पर दूसरा उपाय...
 
 
 

 


गाय, कुत्ते, कौवे, पक्षी, चींटी को रोटी खिलाएं : प्रतिदिन गाय, कुत्ते, कौवे, पक्षी व चींटी को रो‍टी खिलाएं, आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे। इससे सभी तरह की समस्याओं का समाधान होगा।
 
गाय में सकारात्मक ऊर्जा का भंडार होता है। घर के आसपास गाय होने का मतलब है कि आप सभी तरह के संकटों से दूर रहकर सुख और समृद्धिपूर्वक जीवन जी रहे हैं। गाय को प्रतिदिन भोजन कराने से घर में धन-समृद्धि और शांति बढ़ती है। गाय को खिलाने से घर की पीड़ा दूर होगी। 
 
कुत्ता आपको राजा से रंक और रंक से राजा बना सकता है। कुत्ते को खिलाने से दुश्मन आपसे दूर रहेंगे। कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से जहां दुश्मनों का भय मिट जाता है, वहीं व्यक्ति निडर हो जाता है। कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है। पितृ पक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए।
 
कौवे को भोजन कराने से सभी तरह का पितृ और कालसर्प दोष दूर हो जाता है। कौवे को भोजन कराने से अनिष्ट व शत्रु का नाश होता है। शनि को प्रसन्न करना हो तो कौवों को भोजन कराना चाहिए।
 
पक्षी को खिलाने से व्यापार-नौकरी में लाभ होता है, घर में खुशियां बढ़ती हैं और व्यक्ति समृद्धि के द्वार खोल देता है। इसके अलावा चींटी को शकर मिलाकर आटा खिलाने से कर्ज समाप्त होगा और मछली को खिलाने से समृद्धि बढ़ेगी। समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए कबूतरों को चावल डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें।
 
अगले पन्ने पर तीसरा उपाय...
 

 
गृहकलह से बचने के लिए : घर के पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाएं। कपूर और अष्टगंध की सुगंध प्रतिदिन घर में फैलाएं। गुरुवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं, इससे भी सुगंधित वातावरण होगा।
 
रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें। इसे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी। शरीर को हमेशा सुगंधित और साफ-सुथरा बनाए रखें।
 
महीने में 2 बार किसी भी दिन घर में उपले जलाकर लोबान या गूगल की धूनी देने से घर में ऊपरी हवा का बचाव रहता है तथा बीमारी दूर होती है, साथ ही गृहकलह भी शांत हो जाता है।
 
सुगंध हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ और बहुत हद तक यह हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है। सुगंधित वातावरण बना रहने से मस्तिष्क प्रसन्नचित्त और शांत रहता है जिसके चलते घर में गृहकलह नहीं होती है। सुगंध से वास्तुदोष का निवारण भी होता है।
 
 
अगले पन्ने पर चौथा उपाय...

 
 
 
 
खुशियां बढ़ाने के लिए : घर की दीवारों पर लगे चित्रों को बदलें। ऐसा कोई-सा भी चित्र न लगाएं जिससे आपकी भावनाएं विकृत होती हों। दीवार पर लगा प्रकृति का चित्र या हंसमुख परिवार का चित्र आपके जीवन में खुशियां बढ़ा सकने में सक्षम है।
 
बैठक रूम, बेडरूम, किचन, स्टडी रूम, बरामदे आदि जगहों पर किसी वास्तुशास्त्री से पूछकर ही कोई चित्र या पेंटिंग लगाएं। एक चित्र आपका जीवन बदल सकता है। घर में ढेर सारे देवी और देवताओं के चित्र या मूर्तियां न रखें।
 
अगले पन्ने पर पांचवां उपाय...
 
 
 


 


संकटों से बचने के उपाय : यदि आप संकटों से जूझ रहे हैं, बार-बार एक के बाद एक कोई न कोई संकट से आप घिर जाते हैं तो किसी की शवयात्रा में श्मशान से लौटते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आ जाएं।
 
स्नानादि से निवृत्त होने के बाद हनुमानजी के मंदिर जाकर उनसे जाने-अनजाने किए गए पापों की क्षमा मांग लें, तुरंत ही संकटों से मुक्ति मिलना शुरू हो जाएगी।
 
कांसे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखें और यह तेल किसी मंदिर में दान कर दें। 5 तरह के फल ले जाकर किसी मंदिर में रख आएं।
 
अगले पन्ने पर छठा उपाय...
 
 


 

 
गुरुवार करें : गुरुवार का उपवास करें। प्रति गुरुवार को मंदिर जाएं। सिर पर चंदन और नाभि पर केसर लगाएं। हल्दी की गांठ घर में रखें। सत्य ही बोलें। आचरण को शुद्ध रखें। माता-पिता, दादा-दादी के प्रतिदिन पैर छुएं। गुरु का आदर करना न भूलें। गुरु बना सकते हैं। घर में धूप-दीप देते रहें।
 
अगले पन्ने पर सातवां उपाय...

 


 
 
घर से किसी भी कार्य के लिए निकलते समय पहले 'श्री गणेशाय नम:' बोलें फिर विपरीत दिशा में 4 पग जाएं, इसके बाद कार्य पर चले जाएं, कार्य जरूर बनेगा।
 
घर से निकलते वक्त गुड़ खाकर व थोड़ा-सा पानी ‍पीकर निकलें, तो कार्य में सफलता मिलेगी। इसके अलावा घर की देहली के बाहर कुछ काली मिर्ची के दाने बिखेर दें और उस पर से पैर रखकर निकल जाएं फिर पीछे पलटकर न देंखे। उक्त उपाय से बिगड़े कार्य बन जाएंगे।
 
अगले पन्ने पर आठवां उपाय...

 


 
 
कपड़े पहनें रंगदार और साफ-सुथरे : कार्य में रुकावट या सफलता में आपके घर और कपड़े के रंग का भी बहुत योगदान रहता है। कभी भी हल्के, काले, कत्थई, भूरे और मटमैले रंग के कपड़े न पहनें। अधिकतर सफेद, नीले, लाल, हरे और गुलाबी रंग के कपड़े ही पहनें।
 
अगले पन्ने पर नौवां उपाय...
 
 
 


 


पीपल और बरगद की पूजा करें : कोई काम न बन रहा हो तो 19 शनिवार तक आप पीपल के पेड़ में धागा लपेटें और तिल के तेल का ही दीया जलाएं। इस दीये में 11 दाने काली उड़द के जरूर रखें। इसके अलावा प्रतिदिन संध्या को पीपल में घी का दीया जलाकर रखें। ध्यान रखें कि पीपल को शनिवार को ही छुएं।
 
ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि के दिन वटवृक्ष की पूजा का विधान है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन वटवृक्ष की पूजा से सौभाग्य एवं स्थायी धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। 
 
बरगद के पेड़ को वट का वृक्ष कहा जाता है। शास्त्रों में वटवृक्ष को पीपल के समान ही महत्व दिया गया है। पुराणों में यह स्पष्ट लिखा गया है कि वटवृक्ष की जड़ों में ब्रह्माजी, तने में विष्णुजी और डालियों एवं पत्तों में शिव का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा कहने और सुनने से मनोकामना पूरी होती है।
 
हिन्दू धर्मानुसार 5 वटवृक्षों का महत्व अधिक है। अक्षयवट, पंचवट, वंशीवट, गयावट और सिद्धवट के बारे में कहा जाता है कि इनकी प्राचीनता के बारे में कोई नहीं जानता। संसार में उक्त 5 वटों को पवित्र वट की श्रेणी में रखा गया है। प्रयाग में अक्षयवट, नासिक में पंचवट, वृंदावन में वंशीवट, गया में गयावट और उज्जैन में पवित्र सिद्धवट है।
 
।।तहं पुनि संभु समुझिपन आसन। बैठे वटतर, करि कमलासन।।
 
भावार्थ- अर्थात कई सगुण साधकों, ऋषियों यहां तक कि देवताओं ने भी वटवृक्ष में भगवान विष्णु की उपस्थिति के दर्शन किए हैं। -रामचरित मानस
 
अगले पन्ने पर दसवां उपाय...

 


 
 
बंद किस्मत खोले ताला : सबसे पहले आप ताले की दुकान पर किसी भी शुक्रवार को जाएं और एक स्टील या लोहे का ताला खरीद लें। लेकिन ध्यान रखें ताला बंद होना चाहिए, खुला नहीं। ताला खरीदते समय उसे न दुकानदार को खोलने दें और न आप खुद खोलें। ताला सही है या नहीं, यह जांचने के लिए भी न खोलें। बस, बंद ताले को खरीदकर ले आएं।
 
उस ताले को एक डिब्बे में रखें और शुक्रवार की रात को ही अपने सोने वाले कमरे में बिस्तर के पास रख लें। शनिवार सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर ताले को बिना खोले किसी मंदिर या देवस्थान पर रख दें। ताले को रखकर बिना कुछ बोले, बिना पलटे वापस अपने घर आ जाएं।
 
विश्वास और श्रद्धा रखें। जैसे ही कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला भी खुल जाएगा। यह लाल किताब का जाना-माना प्रयोग है। अपनी किस्मत चमकाने के लिए इसे अवश्य आजमाएं...।

ऐसी और खबरें तुरंत पाने के लिए वेबदुनिया को फेसबुक https://www.facebook.com/webduniahindi पर लाइक और 
ट्विटर https://twitter.com/WebduniaHindi पर फॉलो करें। 

 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

September 2025 Weekly Horoscope: इस हफ्ते आपके सितारे क्या कहते हैं?

Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति

Pitru Paksha 2025: में श्राद्ध पक्ष कब से शुरू होगा कब तक रहेगा?

Pitru Paksha 2025: 7 सितंबर से होगा श्राद्ध पक्ष प्रारंभ, जानें शास्त्रों के नियम और खास बातें

Shradh 2025: क्या लड़कियां कर सकती हैं पितरों का तर्पण? जानिए शास्त्रों में क्या लिखा है

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (12 सितंबर, 2025)

12 September Birthday: आपको 12 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 12 सितंबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Shradha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष के बाद इन 96 दिनों में कर सकते हैं श्राद्ध कर्म

shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में सप्तमी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां

अगला लेख