बिहार से एक भी एसईझेड प्रस्ताव नहीं

Webdunia
गुरुवार, 30 अगस्त 2007 (17:41 IST)
केन्द्र सरकार ने अभी तक देश में 362 विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (एसईझेड) प्रस्तावों को अंतिम रूप से स्वीकृति प्रदान कर चुकी है। परंतु विडंबना यह है कि कमजोर अर्थव्यवस्था वाले राज्य बिहार में एसईझेड लगाने का एक भी प्रस्ताव अभी तक सरकार को प्राप्त नहीं हुआ है।

विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र की अनुमति देने वाले बोर्ड ऑफ अप्रूवल द्वारा देश के 20 राज्यों में 550 एसईझेड के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा चुकी है, जिसमें से 362 प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी मिल चुकी है। शेष प्रस्तावों को प्रारंभिक अथवा सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी गई है। परंतु इन 550 एसईझेड प्रस्तावों में से एक भी प्रस्ताव बिहार के लिए अथवा बिहार की ओर से नहीं आया है।

केन्द्र सरकार के सूत्रों के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि बिहार सरकार एसईझेड के लिए भूमि अधिग्रहण करने संबंधी किसी विवाद में फँसना नहीं चाहती है, इसीलिए बिहार एसईझेड मुक्त राज्य बना हुआ है। बिहार के पड़ोसी उत्तरप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल समेत अन्य कई राज्यों में एसईझेड व अन्य औद्योगिक गतिविधियों के लिए भूमि अधिग्रहीत करने के राज्य सरकारों के निर्णय का विरोध हो रहा है।

उत्तरप्रदेश में भी सुश्री मायावती की सरकार बनने के बाद से एसईझेड संबंधी नए प्रस्ताव केन्द्र को मिलना बंद हो गए हैं। एसईझेड के नियमों के अनुसार बोर्ड ऑफ अप्रूवल ऐसे किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दे सकता, जिसके लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाना शेष हो अथवा जिसे राज्य सरकार का समर्थन प्राप्त न हो।

एसईझेड की सूची में महाराष्ट्र सबसे आगे है। यहाँ एसईझेड के 126 प्रस्तावों को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके बाद आंध्रप्रदेश (109), तमिलनाडु (82), हरियाणा (64), कर्नाटक (69) एवं गुजरात (49) प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। एसईझेड की सूची में सबसे अधिक 340 प्रस्ताव हार्डवेयर एवं सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित हैं। इसके बाद टेक्सटाइल, फार्मा, बायोटेक एवं मल्टीप्रॉडक्ट क्षेत्र शामिल हैं।

जिन 362 एसईझेड को अंतिम मंजूरी मिल चुकी है, उनमें से 135 को अधिसूचित किया जा चुका है और इनमें से कई में काम प्रारंभ भी हो चुका है। सरकारी अनुमान के अनुसार इन 135 एसईझेड में अब तक 43123 करोड़ रु. का निवेश हो चुका है तथा अभी तक 35 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल चुका है। दिसंबर 2009 तक इन अधिसूचित एसईझेड में 259159 करोड़ रु. का निवेश प्राप्त होने की उम्मीद है। इनके माध्यम से 17.43 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होने की भी उम्मीद है।

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