ब्रिटेन को तरजीह दे रहे हैं भारतीय निवेशक

Webdunia
गुरुवार, 3 जून 2010 (08:40 IST)
मंदी और कड़े आव्रजन नियम के बावजूद भारतीय कंपनियाँ ब्रिटेन के व्यापार सेवाओं, सॉफ्टवेयर और वित्तीय क्षेत्र में में निरंतर निवेश कर रही हैं।

‘वाकिंग अप टू द न्यू इकोनॉमी’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में अर्न्‍स्ट एंड यंग ने कहा कि यूरोप विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाली भारत और चीन की नई कंपनियाँ सामने आई हैं। ये निवेश ज्यादातर ब्रिटेन में हो रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार मंदी की लंबी अवधि के बावजूद ब्रिटेन यूरोप में एफडीआई का प्रमुख गंतव्य बना हुआ है। यूरोप में कुल भारतीय एफडीआई परियोजनाओं में से ब्रिटेन ने 54 फीसद निवेश का आकर्षित किया। निवेश के मामले में अमेरिका के बाद भारतीय निवेशक दूसरे स्थान पर रहे।

ये निवेश व्यापार सेवाओं, सॉफ्टवेयर और वित्तीय क्षेत्र में किए गए। यूरोप में सामूहिक रूप से ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) तीसरे बड़े निवेशक हैं।

अर्न्‍स्ट एंड यंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था बहु ध्रुवीय दुनिया में तब्दील हो गई है, जिसमें चीन, भारत, ब्राजील और पश्चिम एशिया परंपरागत देश उत्तरी अमेरिका, यूरोप और जापान के साथ खड़े हैं। पूँजी अब विभिन्न दिशाओं में प्रवाहित हो रही है। (भाषा)
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