मुद्रास्फीति पाँच वर्षों के न्यूनतम स्तर पर

Webdunia
रविवार, 11 नवंबर 2007 (14:08 IST)
सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयासों से मुद्रास्फीति की दर 27 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में पिछले पाँच वर्षों के न्यूनतम स्तर 2.97 प्रतिशत पर आ गई।

विश्लेषकों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में रिकार्ड तोड़ तेजी से घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए जाने की स्थिति में इस पर खासा दबाव पड़ेगा।

पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा के अनुसार पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी के समय इस बात का पूरा ख्याल रखा जाएगा कि उपभोक्ता पर इसका कम से कम असर पड़े।

इसके लिए आयात शुल्क में कटौती और तेल विपणन कंपनियों को और बांड जारी करने जैसे विकल्पों का भी सहारा लिया जा सकता है।

गौरतलब है कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बीते सप्ताह 96 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर निकल गईं, जिससे देश की तेल विपणन कंपनियों को लागत से कम कीमत पर अपने उत्पाद बेचने से रोजाना करीब 240 करोड़ रुपए का नुकसान उठा पड़ रहा है और वह पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ाने की गुहार कर रही हैं।

सरकारी के आँकड़ों के मुताबिक 27 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति में गिरावट फल एवं सब्जियों, मूँग, उड़द, ज्वार और गुड आदि के मंदा होने से दर्ज की गई। हालाँकि इस दौरान आटा, आयातित खाद्य तेल, वनस्पति घी, आटा, अंडा, दूध और चना आदि क कीमतों में वृद्धि भी हुई।

मुद्रास्फीति की दर इस वर्ष बीस अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में 3.02 प्रतिशत और पिछले साल आलोच्य अवधि में 5.35 प्रतिशत थी।

सकल उपभोक्ता वस्तुओं का आधिकारिक थोक मूल्य सूचकांक 27 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में पहले के 215.1 अंक के स्तर पर टिका रहा। इसकी गणना में शामिल 22.02 प्रतिशत का भारांक रखने वाला प्राथमिक वस्तुओं के समूह का सूचकांक 0.2 प्रतिशत घटकर 224.5 अंक रह गया।

ईंधन, ऊर्जा, प्रकाश एवं लुब्रीकेंट्स का सूचकांक 323.7 अंक पर टिका रहा। निर्मित उत्पादों के समूह का सूचकांक 187.6 अंक पर पहुँच गया।

समीक्षागत सप्ताह के दौरान प्राथमिक वस्तुओं के तहत खाद्य वस्तुओं के समूह का सूचकांक फल एवं सब्जियों और मूँग में तीन-तीन प्रतिशत, उड़द में दो, ज्वार और सूअर के गोश्त के एक-एक प्रतिशत मंदा होने से 0.3 प्रतिशत गिरकर 225 अंक से 224.4 अंक रह गया।

इस दौरान सूचकांक की गणना में शामिल वस्तुओं में समुद्र की मछली और चिकन में दो-दो प्रतिशत, गेहूँ, अंडा, बाजरा, दूध, चना और जौ प्रत्येक के दाम एक-एक प्रतिशत बढ़ गए।

कारखानों में निर्मित उत्पादों के अन्तर्गत खाद्य उत्पादों के समूह का सूचकांक सूरजमुखी तेल में तीन, आटा, मैदा और चावल छिल्का, तेल प्रत्येक में दो, आयातित खाद्य तेल, रवा, सूजी और वनस्पति में एक-एक प्रतिशत की तेजी आने से 0.3 प्रतिशत बढ़कर 189.6 अंक पर पहुँच गया।

कागज एवं कागज उत्पादों के समूह का सूचकांक न्यूजप्रिंट और सफेद प्रिंटिग कागज प्रत्येक के एक-एक प्रतिशत मंदा होने से 0.2 प्रतिशत घटकर 194.8 अंक रह गया। मूल धातुओं, अयस्क एवं धातु उत्पादों के समूह का सूचकांक 0.1 प्रतिशत घटकर 247.1 अंक रह गया।

ड्राई सेल में तीन और एनामेलड तांबा तार में एक प्रतिशत का मंदा आने से मशीनरी एवं मशीनी औजारों के समूह के सूचकांक में 167 अंक पर 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई।

आंकड़ों की प्राप्ति पर सकल उपभोक्ता वस्तुओं का अंतिम थोक मूल्य सूचकांक एक सितंबर को समाप्त हुए सप्ताह में पहले के 214.4 अंक के अंतिम की तुलना में 214.8 अंक पर स्थाई हो गया। जबकि उक्त अवधि में मुद्रा स्फीति की दर अंतिम आँकड़ों के आधार पर प्रारंभिक 3.52 प्रतिशत की तुलना में 3.72 प्रतिशत पर टिक गई।

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