चांदी की कीमत राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को 6,000 रुपए की तेजी के साथ 1,63,000 रुपए प्रति किलोग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। भू-राजनीतिक, आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती के अनुमान के बीच वैश्विक बाजार में सुरक्षित निवेश के रूप में इसकी खरीदारी बढ़ी।
आम आदमी गहनों की खरीद में व्यस्त है तो निवेशक गोल्ड ईटीएफ, बांड, सिक्के और सोने चांदी की वस्तुओं में निवेश कर रहा है। वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता ने सोने को आसमान पर पहुंचाया तो त्योहारी सीजन में चांदी की औद्योगिक मांग ने चांदी के दाम में चार चांद लगा दिए।
जैसे जैसे दोनों धातुओं के दाम बढ़ रहे हैं उनकी मांग भी बढ़ती जा रही है। यहां तक कि मांग और सप्लाय में अंतर की वजह से लोगों को बाजार से चांदी खरीदने के लिए प्रीमियम देना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिका ने चांदी को क्रिटिकल मिनरल में शामिल किया तो इसके दाम में और इजाफा हुआ। इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। चांदी में किसी भी धातु की तुलना में सबसे अधिक विद्युत चालकता, तापीय चालकता और परावर्तकता होती है, जिससे यह विभिन्न तकनीकों के लिए आवश्यक है। इलेक्ट्रॉनिक्स में सर्किट बोर्ड और विद्युत कनेक्शन से लेकर सौर ऊर्जा और चिकित्सा उपकरणों तक, चांदी के कई उपयोग आधुनिक उद्योगों में महत्वपूर्ण हैं। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma