पटरी पर लौट रही है भारतीय अर्थव्यवस्था, दिखा आधारभूत सुधारों का असर

Webdunia
रविवार, 27 मई 2018 (19:39 IST)
नई दिल्ली। सतत आधारभूत सुधारों की बदौलत विभिन्न कारोबारों के बिक्री और ऑर्डर के आंकड़े बढ़े हैं जिनसे अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत मिले हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष राकेश भारती ने कहा कि आधारभूत सुधारों का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है।

विभिन्न कारोबारों के बिक्री और ऑर्डर के आंकड़े सुधरे हैं, जिससे पता चलता है कि क्षमता का दोहन बेहतर हुआ है और निवेश का अनुमान भी बढ़ा है। सीआईआई के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में बढ़ी खपत का असर गैर टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर के क्षेत्रों में दिखता है।

मांग में सुधार से इन क्षेत्रों की हालत बेहतर हुई है। कच्चे तेल की कीमतों में रही तेजी के बावजूद सरकार ने चालू खाता घाटा बढ़ने से रोका और महंगाई दर भी नियंत्रण में है। पूंजीगत वस्तुओं का क्षेत्र बेहतर हो रहा है और ऑर्डर बुक भी भरा है। निर्यात के भी चालू वित्त वर्ष में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

सीआईआई ने आठ ऐसे मुख्य क्षेत्रों को चिह्नित किया है जहां सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों ने विकास के नए द्वारा खोले हैं।  इस सुधारवादी पहलों में पहला स्थान वस्तु एवं सेवाकर का है। जीएसटी को लागू करने में यहां ज्यादा कठिनाई नहीं हुई क्योंकि इसकी बाधाओं का समाधान त्वरित रूप से किया गया। शुरुआती समस्याओं के बाद कारोबारों ने इसे अच्छी तरह अंगीकार कर लिया।

अंतरराज्यीय बाधाओं को खत्म करने और ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने से परिवहन और लॉजिस्टिक अधिक प्रतिस्पर्धी और कम खर्चीला हो गया है। परिसंघ के मुताबिक इसका असर कर दायरे में वृद्धि और अधिक कर राजस्व के रूप में परिलक्षित हो रहा है।

दूसरे स्थान पर कारोबार सरलीकरण है है, जहां भारत का स्थान 42 अंक ऊपर चढ़ा है। कारोबार शुरू करना, कर देना और परमिट हासिल करना अधिक आसान हो गया है। तीसरे स्थान पर दिवालिया कानून है, जिसे लेकर उद्योग जगत की राय है कि इससे कारोबार का माहौल सुधरेगा और किसी क्षेत्र में असफल होने की स्थिति में कंपनियों को उससे बाहर निकलने में आसानी होगी।

यह गैर निष्पादित परिसंपत्तियों की समस्या का समाधान भी है। चौथी पहल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दायरे को बढ़ाना है जिससे वित्त वर्ष 201-17 की तुलना में बीते वित्त वर्ष एफडीआई में रिकॉर्ड 60 अरब डॉलर की तेजी देखी गई। पांचवीं पहल, सरकार द्वारा आधारभूत ढांचा क्षेत्र के आवंटन को बढ़ाना है।

अप्रैल-जनवरी 2017-18 के बीच सड़क निर्माण की गति इससे पहले के वित्त वर्ष की समान अवधि के 18.3 किलोमीटर प्रतिदिन की तुलना में बढ़कर 21.5 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई। सीआईआई ने साथ ही सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए कदमों, मुद्रा योजना, कृषि आय बढाने के प्रयासों, ई-नाम, ग्राम, सावधि रोजगार योजना, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्वच्छ ऊर्जा, देश के छ: लाख गांवों के विद्युतीकरण और उड़ान जैसी पहलों की सराहना की। सीआईआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर 7.3 से 7.7 प्रतिशत तक रहने का अनुमान व्यक्त किया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

मोहन भागवत के बयान पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, बोले- RSS और मुसलमान समंदर के 2 किनारे हैं जो...

Operation Sindoor से Pakistan में कैसे मची थी तबाही, सामने आया नया वीडियो

लश्कर का खूंखार आतंकी सैफुल्लाह खालिद पाकिस्तान में ढेर, भारत में हुए 3 बड़े आतंकी हमलों में था शामिल

दरवाजे पर बारात और दुल्हन ने दुनिया को कहा अलविदा, झोलाछाप डॉक्टर के कारण मातम में बदली खुशियां

हिमाचल में साइबर हैकरों ने की 11.55 करोड़ की ठगी, सहकारी बैंक के सर्वर को हैक कर निकाले रुपए

सभी देखें

नवीनतम

Pune Porsche accident case: मृतकों के परिजन ने उठाया सवाल, मामले की त्वरित सुनवाई का क्या हुआ?

किसान का वीडियो देख पसीजा कृषि मंत्री शिवराज सिंह का दिल, कर दिया ये वादा

अफरीदी ने असीम मुनीर को किया Kiss, कहा- दुश्मन को धूल चटाने के लिए थैंक यू, सोशल मीडिया में हंस रहे लोग

Petrol Diesel Prices : कच्‍चे तेल की कीमतें एक बार फिर बढ़नी हुईं शुरू, जानें पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव

टीम मोदी में एमजे अकबर की वापसी, ये जिम्मेदारी दी बीजेपी ने, MeToo के बाद हुए थे बाहर

अगला लेख