कभी प्याज, कभी टमाटर तो कभी दाल ने रुलाया

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नई दिल्ली। सरकारी आंकड़ों में महंगाई भले न्यूनतम स्तर पर रही हो पर इस वर्ष आम आदमी के भोजन का अहम हिस्सा आलू, प्याज, टमाटर, दाल और तेल की कीमतें इसे पूरे वर्ष रुलाते रहे।      
 
इस वर्ष के शुरुआत में बेमौसम बारिश ओर ओला वृष्टि के कारण दलहन और तेलहनी फसलों कों नुकसान तो हुआ ही था सब्जियों विशेषकर टमाटर की कीमतों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था।
 
पूरे वर्ष के दौरान अनेक अवसरों पर प्याज और टमाटर की कीमत 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत से मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना की लेकिन इसका लाभ आम लोगों को पूरा नहीं मिला।
 
आमतौर पर जून जुलाई से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने लगती है और यह स्थिति दिसम्बर तक बनी रहती है। इस दौरान अरहर दाल की कीमत 210 रूपये प्रति किलो तक पहुंचकर एक ना इतिहास बनाया। इस दौरान दूध की कीमतें स्थिर रही जबकि नमक की कीमतों में एक रूपये प्रति किलो तक की वृद्धि हुई।
 
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार जून में दिल्ली में अरहर दाल की औसत कीमत 113.73 रुपए प्रति किलो थी जो जो नवम्बर में बढ़कर 167.14 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में इसका खुदरा मूल्य 210 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया था।
 
जून में दिल्ली में उड़द दाल की औसत कीमत 112.32 रुपए प्रति किलो थी जो नवम्बर में बढकर 150.55 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। जून में दिल्ली में सरसों तेल की औसत कीमत 119.09 रुपए प्रति किलो थी जो नवम्बर में बढ़कर 145.59 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई। हालांकि दिसम्बर में इसकी कीमत में मामूली कमी आई।      
 
चूल्हा चौकी के लिए प्याज और टमाटर को अनिवार्य माना जाता है लेकिन 28 जुलाई को दिल्ली में प्याज की कीमत 42 रुपए प्रति किलो थी जो सितम्बर में बढ़कर 59.48 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। गत 22 अगस्त को मुबंई में प्याज की कीमत बढ़कर 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी।       
 
जून में टमाटर की कीमत ने अपना रंग दिखाना शुरू किया और इस दौरान इसकी कीमत 32.59 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। अगले ही महीने इसकी कीमत 43.30 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी। लेकिन अगस्त में इसका मूल्य 34.14 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया था। नवम्बर में इसका मूल्य 54.97 रुपए प्रति किलो तक चला गया था। इस दौरान देश के कुछ हिस्सों में इसका खुदरा मूल्य 80 रुपए प्रति किलो तक आ गया था।
 
बीत रहे वर्ष के दौरान दिल्ली में आलू का औसत खुदरा मूल्य 12.75 रुपए प्रति किलो से 23.38 रुपए प्रति किलो तक रहा।
 
खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने भी माना है कि जून से नवम्बर के दौरान कुछ आवश्यक वस्तुओं की कीमतें विभिन्न कारणों से बढ़ती है। (वार्ता)
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