भारतीयों ने अमेरिका में दी 91 हजार नौकरियां

Webdunia
बुधवार, 15 जुलाई 2015 (11:22 IST)
वाशिंगटन। भारत की 100 बड़ी कंपनियों ने अमेरिका के 35 राज्यों में विभिन्न क्षेत्रों में 15 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश कर 91,000 से भी अधिक नई नौकरियां पैदा कीं। एक हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और ग्रांट थॉर्नटन (जीटी) की ‘इंडियन रूट्स, अमेरिकन साइल’ नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिणी प्रांत टेक्सास में भारतीय कंपनियों ने सर्वाधिक तीन अरब 84 करोड़ डॉलर का विदेशी निवेश किया।

इसके बाद पेंसिल्वेनिया में 3  अरब 56 करोड़ डॉलर, मिनिसोता में एक अरब 80 करोड़ डॉलर, न्यूयॉर्क में एक अरब 10 करोड़ डॉलर और न्यू जर्सी में एक अरब डॉलर का निवेश भारतीय कंपनियों द्वारा किया गया।
 
कैपिटल हिल में कल रिपोर्ट जारी करने के समय सीनेटर जॉन कारनिन और मार्क वॉर्नर समेत 20 शीर्ष सांसदों ने शिरकत की। सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष सीनेटर वार्नर ने कहा कि भारत अमेरिका में तेजी से बढ़ते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के स्रोत के रूप में चौथा देश बनने वाला है, ऐसे में यह अहम हो जाता है कि हम देश में भारतीय वाणिज्य निवेश के सकारात्मक प्रभाव को पहचानें।
 
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कंपनियों ने न्यू जर्सी में 9300, कैलिफोर्निया में 8400, टेक्सास में 6200, इलिनोइस में 4,800 और न्यूयॉर्क में 4,100 नौकरियां पैदा कीं। ये राज्य भारतीय कंपनियों द्वारा नौकरी पैदा किए जाने की सूची में पहले पांच पायदान पर हैं। 
 
अमेरिका में भारत के राजदूत अरण के सिंह ने कहा कि सीआईआई का अध्ययन भारतीय उद्योग के बढ़ते योगदान और प्रभाव को दर्शाता है जो अमेरिका के साथ बढ़ रहे हमारे अच्छे रिश्ते का महत्वपूर्ण घटक है। सिंह ने कहा कि आज भारतीय कंपनियां केवल निवेश और रोजगार पैदा नहीं कर रही हैं बल्कि वे अपने स्थानीय समुदाय के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण हिस्सेदार भी बन रही हैं। 
 
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी है कि भारतीय कंपनियों ने हालांकि अमेरिका के 50 राज्यों में ठोस निवेश किया है लेकिन उनकी उपस्थिति देश के 50 राज्यों में है। साथ ही कहा गया है कि भारतीय कंपनियों ने हर राज्य में औसत 44.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया। कल जारी रिपोर्ट के अनुसार 84.5 प्रतिशत कंपनियों की योजना अमेरिका में और अधिक निवेश की है। दूसरी तरफ अगले पांच वष्रों में 90 प्रतिशत कंपनियों की योजना स्थानीय लोगों को और रोजगार देने की है।
 
रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक निवेश सूचना और प्रौद्योगिकी एवं इससे जुड़े क्षेत्रों में किया गया है। इसकी हिस्सेदारी 40 फीसदी की है जबकि जीवन विज्ञान और निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 14-14 फीसदी और मोटर वाहन उद्योग की हिस्सेदारी चार फीसदी की है। (भाषा)
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