रिजर्व बैंक की भी ऑडिट हो : कैग

Webdunia
शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (17:32 IST)
नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) शशिकांत शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जैसे वित्तीय नियामकों का भी ऑडिट किए जाने पर विचार करने की जरूरत है।
शर्मा ने शुक्रवार को यहां उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा वित्तीय एवं कॉर्पोरेट धोखाधड़ी पर आयोजित तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि कैग भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) जैसे वित्तीय नियामकों का ऑडिट करता है, लेकिन परफॉर्मेंस ऑडिट नहीं किया जाता है। उनका संगठन रिजर्व बैंक का ऑडिट नहीं करता है। केंद्र सरकार आरबीआई अधिनियम के तहत उसके ऑडिटर नियुक्त करती है। 
 
उन्होंने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर भविष्य में कैग को हमारे वित्तीय क्षेत्र के जोखिम और अतिसंवेदनशीलता पर गौर करने के साथ ही नियामकों की इस तरह की स्थिति से निपटने की क्षमता ओर प्रभावशीलता पर भी ध्यान देना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में जो घटनाएं हुईं, उसके मद्देनजर देश के वित्तीय क्षेत्र पर भी गौर करना पड़ेगा। इसका लक्ष्य सिर्फ वित्तीय क्षेत्र के नियामकों की प्रभावशीलता और कार्यप्रणाली के क्षेत्र में वांछित स्तर का अशुअरेंस हासिल करना है। 
 
शर्मा ने कहा कि बैंकों, विशेषकर सरकारी बैंकों के साथ हुई धोखाधड़ी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ये बैंक अभी गैर निष्पादित परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी की समस्या से जूझ रहे हैं। 
 
ऐसा माना जा रहा है कि एनपीए का बहुत बड़ा हिस्सा धोखाधड़ी कर लिए गए ऋण का है। ऐसा भी माना जा रहा है कि इस तरह के ऋण का बड़ा हिस्सा विदेशों में भेजा गया है और उसकी कभी भी वसूली होने वाली नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि आम लोगों के हितों के साथ ही वित्तीय तंत्र की गरिमा की संरक्षा के लिए इस तरह के मामलों से निपटने के उद्देश्य से समग्र रणनीति बनाई जानी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि ऐसे देश में, जहां वित्तीय निक्षरता अधिक है, वहां इस तरह की धोखाधड़ी होने की आशंका अधिक होती है। वित्तीय साक्षरता बढ़ाकर इस तरह के जोखिम से निपटा जा सकता है। इसके साथ ही नियामकों को वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए आपस में मिलकर अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए बल्कि नियामकीय बाधाओं को भी दूर करना चाहिए। (वार्ता)
Show comments

जरूर पढ़ें

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

तेजी से बढ़ता स्‍मार्ट और सबसे स्‍वच्‍छ इंदौर आखिर सड़क पर हुए भ्रष्‍टाचार के गड्ढों में क्‍यों गिर रहा है?

अमेरिका के खिलाफ भारत ने लिया बड़ा एक्शन, WTO में जवाबी टैरिफ का रखा प्रस्ताव

सभी देखें

नवीनतम

अर्जेंटीना पहुंचे PM मोदी, राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ इन मुद्दों पर चर्चा

तेजस्वी यादव ने किया दावा, महागठबंधन में शामिल होंगे पशुपति पारस

इजराइली हवाई हमले में 14 फिलिस्तीनियों की मौत, भोजन की तलाश में निकले 10 अन्य लोग भी मारे गए

बिहार में बड़ा हादसा, दरभंगा में हाईटेंशन की चपेट में आया ताजिया, 1 की मौत, 3 दर्जन लोग झुलसे

Shubhanshu Shukla : शुभांशु शुक्ला ने 1 दिन की छुट्टी में किया ये काम

अगला लेख