Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

फिर महंगे होंगे Loan, RBI ने छठी बार बढ़ाया रेपो रेट

हमें फॉलो करें फिर महंगे होंगे Loan, RBI ने छठी बार बढ़ाया रेपो रेट
, बुधवार, 8 फ़रवरी 2023 (11:08 IST)
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के उद्देश्य से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी।
 
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है, वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।
 
रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी।
 
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई 3 दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल माध्यम से प्रसारित बयान में कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।
उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के 6 सदस्यों में से 4 ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह गति पिछली 5 बार की वृद्धि के मुकाबले कम है और बाजार इसकी उम्मीद कर रहा था।
 
आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए इस साल मई से लेकर अबतक कुल 6 बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। इससे पहले मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत तथा दिसंबर में 0.35 प्रतिशत बढ़ाई गई थी। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिल्ली में जासूसी कांड पर बवाल, फीडबैक यूनिट से जासूसी कराने पर घिरी केजरीवाल सरकार