नई दिल्ली। कर्ज में डूबे फ्यूचर समूह का अधिग्रहण खुदरा क्षेत्र में रिलायंस इंडस्ट्रीज की पहुंच को लगभग दोगुना कर देगा। कंपनी के खुदरा कारोबार का बाजार मूल्यांकन अब 68 अरब डॉलर हो गया है। कच्चा तेल, रिफाइनरी और दूरसंचार क्षेत्र में काम करने वाली प्रमुख कंपनी रिलायंस ने शनिवार को फ्यूचर समूह के खुदरा, थोक, गोदाम और लॉजिस्टिक कारोबार के अधिग्रहण की घोषणा की। यह सौदा 24,713 करोड़ रुपए का है। इस सौदे में फ्यूचर समूह की पांच सूचीबद्ध कंपनियों का फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) में अधिग्रहण होना है।
रिलायंस ने एफईएल (विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी) की 6.09 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1,200 करोड़ रुपए के तरजीही शेयर खरीदने का भी प्रस्ताव रखा है। साथ ही 1,600 करोड़ रुपए के तरजीही वारंट (7.05 प्रतिशत और हिस्सेदारी) खरीदने का भी विकल्प दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस रिटेल लिमिटेड की बाजार में पहुंच बढ़ जाएगी। अभी कंपनी के स्टोर देशभर में 2.87 करोड़ वर्गफुट क्षेत्र में फैले हैं जो अधिग्रहण के बाद 5.25 करोड़ वर्गफुट हो जाएगा।
निवेश बैंकिंग कंपनी यूबीएस के मुताबिक अभी इस सौदे पर सेबी, प्रतिस्पर्धा आयोग और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के साथ-साथ शेयरधारकों की मुहर लगना बाकी है। वहीं जेबी मार्गन का कहना है कि यह देखना बाकी रहेगा कि रिलायंस फ्यूचर समूह के स्टोर को उसी के ब्रांड नाम के तहत रखता है या अपने खुद के हिसाब से दोबारा से ब्रांडिंग करता है।
यूबीएस ने कहा कि इस सौदे से कंपनी की भौगोलिक पहुंच बढ़ेगी। साथ ही उसकी सामानों को जुटाने और कीमतों को युक्तिसंगत बनाने की क्षमता बढ़ेगी। यूबीएस ने रिलायंस रिटेल का बाजार मूल्यांकर 64 अरब डॉलर से बढ़ाकर 68 अरब डॉलर कर दिया है।
एचएसबीसी ने कहा कि इस सौदे में फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर लाइस्टाइल फैशंस लिमिटेड और फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्युशंस लिमिटेड का स्पष्ट अधिग्रहण किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी एफईएल में 13.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी भी खरीद लेगी। एचएसबीसी ने कहा कि इससे रिलायंस रिटेल के प्रबंधन अधीन कुल खुदरा क्षेत्र दोगुना बढ़ जाएगा, वहीं कंपनी के स्टोर की संख्या 15 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
गोल्डमैन साक्स ने कहा कि यह सौदा विभिन्न श्रेणियों के संगठित खुदरा क्षेत्र में रिलायंस रिटेल को बाजार का सिरमौर बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगा। वहीं गोदाम और लॉजिस्टिक क्षमता कंपनी के ऑनलाइन मंच ‘जियो मार्ट’ को वालमार्ट और अमेजन जैसी विदेशी ई-वाणिज्य कंपनियों की प्रतिस्पर्धा में लाएगी। (भाषा)