रिलायंस रिटेल पर मिलेगी 50 से अधिक प्रसिद्ध हलवाइयों की मिठाइयां, सबसे बड़ा मल्टी ब्रांड बनने की तैयारी

Webdunia
गुरुवार, 20 अक्टूबर 2022 (17:03 IST)
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा कारोबार से जुड़ी इकाई रिलायंस रिटेल की दुकानों पर दिल्ली के कलेवा समेत अब देश के 50 से अधिक प्रसिद्ध हलवाइयों की मिठाइयां मिलेगी। साथ ही कंपनी ने चॉकलेट की तरह मिठाई और लड्डू के छोटे पैकेट बनाकर बेचने की भी योजना बनाई है। इसकी 50 हजार करोड़ के मिठाई बाजार पर नजर है।
 
रिलायंस रिटेल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (खुदरा किराना) दामोदर मल्ल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कंपनी, अब प्रसिद्ध और पारंपरिक हलवाइयों के साथ मिलकर उनकी विशिष्ट मिठाइयों को देशभर में ग्राहकों तक पहुंचाएगी।
 
कंपनी के अनुसार रिलायंस रिटेल की दुकानों पर अब मशहूर मिठाइयों में कलेवा का 'तिल बेसन लड्डू', घसीटाराम का 'मुंबई हलवा', प्रभुजी का 'दरबेश लड्डू और मैथीदाना लड्डू', दूध मिष्ठान्न भंडार (डीएमबी) का 'मालपुआ', लाल स्वीट्स का 'मैसूर पाक' और 'धारवाड़ पेड़ा' उपलब्ध है।
 
मल्ल ने कहा कि हम चाहते हैं कि पारंपरिक मिठाइयां किसी खास इलाके में सिमटने की बजाए देश के हर कोने में पहुंचें, जैसे पश्चिम बंगाल और ओडिशा का रसगुल्ला। इसकी पहुंच अब तमिलनाडु के ग्राहकों तक भी होगी। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को एकदम ताजा मिठाइयां मिले, इसके लिए हम पारंपरिक हलवाइयों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
 
उद्योग के अनुमान के अनुसार वर्तमान में भारतीय पारंपरिक डिब्बाबंद मिठाई बाजार लगभग 4,500 करोड़ रुपए का है और अगले 5 साल में सालाना 19 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इसके 13 हजार करोड़ रुपए के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, वहीं अंसगठित मिठाई बाजार करीब 50 हजार करोड़ का है।
 
मल्ल के अनुसार पारंपरिक मिठाइयों की बिक्री बढ़े, इसके लिए रिलायंस रिटेल ने अपने स्टोर में अलग-अलग इकाइयां बनाई हैं। इसके तहत रिलायंस रिटेल मिठाई बना रहीं इकाइयों को एकल पैक विकसित करने में भी मदद कर रहा है यानी अगर ग्राहक चाहे तो घाना की डार्क चॉकलेट की जगह देसी मैसूर पाक या लड्डू का अपने जरूरत के हिसाब से छोटा पैकेट खरीद सकता है।
 
उन्होंने कहा कि कंपनी अभी मिठाई, लड्डू के छोटे पैकेट पेश करने पर काम कर रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के खुदरा कारोबार की होल्डिंग कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. की अनुषंगी रिलायंस रिटेल का कहना है कि इस पहल से इन हलवाइयों को बड़ा बाजार मिलेगा और उनका कारोबार भी बढ़ेगा।
 
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)

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