inflation : खाने-पीने का सामान हुआ सस्ता, रिटेल महंगाई 8 साल के निचले स्तर पर आई
इससे पहले जून 2025 में यह 2.10 प्रतिशत और जुलाई 2024 में 5.42 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
खाने-पीने की चीजों, विशेषकर सब्जियों और दालों की कीमतों में नरमी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर लगातार 9वें महीने घटती हुई इस साल जुलाई में 1.55 प्रतिशत रह गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस जुलाई में खुदरा महंगाई दर 1.55 प्रतिशत रही जो जून 2017 के बाद का निचला स्तर है। इससे पहले जून 2025 में यह 2.10 प्रतिशत और जुलाई 2024 में 5.42 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर शून्य से 1.76 प्रतिशत नीचे रही जो जनवरी 2019 के बाद सबसे कम है। जून में यह शून्य से 1.01 प्रतिशत नीचे रही थी।
महंगाई दर में कम की सबसे बड़ी वजह सब्जियों और दालों की कीमतों में एक साल पहले के मुकाबले आई तेज गिरावट है। एक साल पहले की तुलना में सब्जियां 20.69 प्रतिशत और दालें तथा उनके उत्पाद 13.76 प्रतिशत सस्ते हुये। मसालों की कीमतों में 3.07 फीसदी और मांस तथा मछली के दाम में 0.61 प्रतिशत की कमी आई।
इनके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों की महंगाई दर अपेक्षाकृत कम रही। इनमें अनाज (3.03 प्रतिशत), अंडे (2.26 प्रतिशत), दूध एवं डेयरी उत्पाद (2.74 प्रतिशत) और चीनी तथा कंफेक्शनरी उत्पाद (3.28 प्रतिशत) शामिल हैं। फलों के दाम जुलाई में ज्यादा तेजी से बढ़े। इनकी मुद्रास्फीति दर 14.42 प्रतिशत रही। तेल एवं वसायुक्त उत्पाद 19.24 फीसदी महंगे हुए।
ईंधन एवं बिजली वर्ग की महंगाई दर 2.67 प्रतिशत रही। स्वास्थ्य वर्ग की मुद्रास्फीति 4.57 प्रतिशत और शिक्षा वर्ग की चार प्रतिशत रही। रिजर्व बैंक ने अगस्त की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद जारी बयान में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में खुदरा महंगाई दर 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। उसके अनुसार, तीसरी तिमाही में 3.1 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत मुद्रास्फीति का अनुमान है। Edited by : Sudhir Sharma