मुंबई। तेल आयातकों की तरफ से अमेरिकी डॉलर की मांग आने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने से गुरुवार को रुपया शुरुआती कारोबार में 1 पैसा टूटकर 80.06 रुपए प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती बनी रहने से स्थानीय मुद्रा पर दबाव पड़ा।
कारोबारियों के अनुसार ब्रेंट क्रूड 106 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है। इस वजह से घरेलू मुद्रा का स्तर 80 रुपए प्रति डॉलर के आस-पास बना हुआ है। इसके अलावा चालू खाता घाटा और कारोबार घाटा बढ़ने से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 80.03 के भाव पर खुला लेकिन थोड़ी ही देर में यह गिरावट के साथ 80.06 रुपए प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया, जो पिछले बंद भाव की तुलना में 1 पैसे की गिरावट दर्शाता है।
बुधवार को रुपया 13 पैसे की गिरावट के साथ 80.05 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच 6 मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत गिरकर 106.87 पर रहा। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.67 प्रतिशत गिरकर 106.20 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। विदेशी निवेशक बुधवार को भी शुद्ध लिवाल बने रहे। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1,780.94 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की।