नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ से पहले 13 विपक्षी दलों ने एक बयान जारी कर सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों ने अपने बयान में कहा कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरोपयोग कर रही है।
कांग्रेस तथा समान विचारधारा वाले 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार की नीतियों को जनविरोधी और संविधान विरोधी करार देते हुए उसकी कड़ी निंदा की और कहा है कि वे सरकार की देश को तबाह करने वाली नीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ेगें।
विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को संसद भवन में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खडगे के कक्ष में आयोजित एक बैठक में सम्मिलित होने के बाद संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार की नीतियां जनविरोधी, किसानों विरोधी और संविधान विरोधी है जो देश के सौहार्द को बिगाड़ रही हैं और सामाजिक ताने-बाने को तबाह कर रही हैं इसलिए समान विचारधारा के दल सरकार की इन नीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे।
विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार की इन नीतियों की निंदा करते हुए बयान में कहा कि विरोधी दलों के नेताओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है और उनके खिलाफ बदले की भावना से काम हो रहा है। उनका कहना था कि सरकार जानबूझकर विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है और और बदले की भावना से काम कर उन्हें अभूतपूर्व तरीके से प्रताड़ित कर रही है।
कांग्रेस ने आज पार्टी प्रमुख से पूछताछ के विरोध में देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है। उसने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'आज सुबह से दिल्ली पुलिस यकीनन केंद्रीय गृह मंत्री के आदेश से मीडिया को कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में प्रवेश नहीं करने दे रही है। इसी ज्यादती की उम्मीद की जा सकती थी और यह मोदी सरकार की मानसिकता प्रदर्शित करती है।'
गौरतलब है कि ईडी नेशनल हेराल्ड से जुड़े धनशोधन के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आज पूछताछ करेगा। गांधी के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए उनकी पार्टी की देश भर में प्रदर्शन की योजना है। ईडी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी पिछले माह पूछताछ कर चुका है और उस वक्त भी इसी प्रकार के प्रदर्शन देश भर में हुए थे।