नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इंफोसिस के मामले में जांच शुरू कर दी है। इन्फोसिस प्रबंधन द्वारा शेयर मूल्य के लिहाज से संवेदनशील सूचना की जानकारी सार्वजनिक नहीं किए जाने के मामले में नियामक जांच कर रहा है।
एक व्हिसिलब्लोअर द्वारा कंपनी प्रबंधन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये जाने के बाद कंपनी परिचालन से जुड़े मामलों में खामियों पर भी सेबी की नजर होगी। इसके साथ ही कंपनी के शेयरों में संभावित भेदिया कारोबार को लेकर भी सेबी चीजों को टटोल रहा है।
सेबी जल्द ही कंपनी प्रबंधन को पूछताछ के लिए बुला सकता है। आडिट और दूसरे वित्तीय मामलों से जुड़ी निदेशक मंडल समितियों से भी जानकारी हासिल की जा सकती है। यह सब जांच की प्रगति पर निर्भर करेगा। कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों से भी जरूरत पड़ने पर पूछताछ की जा सकती है।
सेबी ने शेयर बाजारों से भी कहा है कि वह इंफोसिस शेयरों के आंकड़े जुटायें। उनसे वायदा कारोबार सौदों की भी जानकारी जुटाने को कहा गया है। कंपनी से कथित तौर पर महत्वपूर्ण सूचना के बारे में जानकारी छुपाये रखने के मामले में भी ब्योरा मांगा जा रहा है।
इस बीच, बंबई शेयर बाजार (बीएसई) ने इंफोसिस से कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ व्हिसिलब्लोअर की शिकायत से जुड़ी जानकारी नहीं देने पर बुधवार को सफाई मांगी है।
उल्लेखनीय है कि व्हिसिलब्लोअर ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ कम समय में ज्यादा आय और लाभ बढ़ाने के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ में लिप्त होने का आरोप लगाया है।
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने मंगलवार को कहा कि व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को कंपनी की ऑडिट समिति के समक्ष 10 अक्टूबर को पेश किया गया था।
नीलेकणि ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों में से एक को 30 सितंबर को शिकायतें मिली थीं। बाद में इसे 11 अक्टूबर को निदेशक मंडल के गैर - कार्यकारी सदस्यों के समक्ष रखा गया।
बंबई शेयर बाजार ने कहा कि इंफोसिस लिमिटेड ने 22 अक्टूबर 2019 को घोषणा की, जिसमें कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलेकणि का बयान प्रस्तुत किया गया है। इसमें कहा गया कि इंफोसिस को व्हिसिलब्लोअर से शिकायतें मिली हैं। हालांकि, इंफोसिस लिमिटेड ने सेबी विनियमन, 2015 के नियम 30 के तहत किसी तरह का खुलासा नहीं किया है।
नियामकीय सूचना में कहा गया है कि शेयर बाजार ने व्हिसिलब्लोअर की शिकायत से जुड़ी जानकारियों का खुलासा नहीं करने पर इंफोसिस से स्पष्टीकरण मांगा है। बीएसई को अब भी कंपनी के जवाब का इंतजार है।