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शक्ति पम्पस को दूसरी तिमाही में 9.27 करोड़ रुपए मुनाफा

हमें फॉलो करें शक्ति पम्पस को दूसरी तिमाही में 9.27 करोड़ रुपए मुनाफा
, मंगलवार, 13 नवंबर 2018 (11:59 IST)
मुंबई। भारत के अग्रणी एनर्जी एफीशिएंट स्टेनलेस स्टील और सोलर इंटीग्रेटेड पंप बनाने वाली कंपनी शक्ति पम्पस इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का नेट प्रॉफिट साल दर साल 207 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए रुपए 9.27 करोड़ रहा।


सौ से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी शक्ति पम्पस लिमिटेड ने 30 सितंबर 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में अपने कुल राजस्व में 104 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और राजस्व रुपए 139 करोड़ पर पहुंच गया वहीं नेट प्रॉफिट साल दर साल 207 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए रुपए 9.27 करोड़ रहा। इस अवधि में कंपनी का राजस्व 68 करोड़ रुपए की तुलना में 104 प्रतिशत बढ़कर 139 करोड़ रुपए हो गया।

इसी प्रकार 11.42 करोड़ रुपए के मुकाबले एबिटा 86 प्रतिशत से बढ़कर 21.24 करोड़ रुपए हो गया। इस अवधि में 6 माह का राजस्व 159 करोड़ रुपए की तुलना में 49 प्रतिशत से बढ़कर 237 करोड़ रुपए रहा। कंपनी के अनुसार 30 सितंबर, 2018 को समाप्त अवधि में प्रथम 6 माह का प्रॉफिट 7.84 करोड़ रुपए की तुलना में 102 प्रतिशत से बढ़कर 15.91 करोड़ रुपए रहा, वहीं 2019 के प्रथम 6 माह में प्रति शेयर आय बढ़त 4.27 से 8.66 हुई है।

कंपनी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश पाटीदार ने कहा, कंपनी अपनी जिन नीतियों पर काम कर रही है वो इन परिणामों में दिख रहा है। सरकार भी सोलर प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे रही है, जिसका आगे चलकर सबको फायदा होगा। एमएनआरई, राज्य सरकार, अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस, नाबार्ड इत्यादि द्वारा हम भविष्य में भी सोलर प्रोजेक्ट पर ध्यान केन्द्रित करेंगे और हमारे विक्रेता और वितरक नेटवर्क को फैलाते हुए निर्यात व्यापर को बढ़ाने के प्रयास जारी रखेंगे। यूनियन बजट में की गई घोषणा जिसमें अक्षय ऊर्जा खासकर सोलर ऊर्जा पर अत्यधिक ध्यान केन्द्रित रहा जो कंपनी के लिए लाभदायक रहेगा।

आईएसए द्वारा ईईएसएल को अपने 5 लाख सोलर पंप का प्रोजेक्ट असाइंड किए गए जो कि एक स्वागत योग्य कदम है और कि जो अंतरराष्ट्रीय सोलर व्यापार में भारतीय कंपनियों के लिए द्वार खोलेगा। कुसुम योजना की भी घोषणा की गई जिसमें 3 करोड़ खेती उपयोगी पम्पस को आने वाले 10 वर्षों में सोलर पम्पस में परिवर्तित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कुसुम एक लंबी अवधि की महत्वाकांक्षी योजना है। 

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