नई दिल्ली। सरकार ने गेहूं के सस्ते आयात से निपटने और घरेलू उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखकर गेहूं पर सीमा शुल्क की दर को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही अखरोट के खोल पर आयात शुल्क को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने घरेलू उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर रहने और अंतरराष्ट्रीय बाजार खासकर रूस से सस्ते आयात की चिंता को ध्यान में गेहूं पर आयात शुल्क में वृद्धि का फैसला लिया है।
विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार वैश्विक बाजारों से गेहूं की खरीद को सीमित करना चाहती है ताकि गेहूं की घरेलू कीमतों पर दबाव नहीं आए और 2017-18 फसल वर्ष (जुलाई - जून) के लिए किसानों को कम से कम 1,735 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल सके।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, किसानों ने 2017-18 की गेहूं फसल की कटाई लगभग पूरी कर ली है और सरकार उनसे समर्थन मूल्य पर अब तक 3.33 करोड़ टन गेहूं खरीद चुकी है।
एक आटा मिल मालिक ने कहा, 'यदि सरकार सीमा शुल्क में वृद्धि नहीं करती तो उसकी गेहूं की खुली बिक्री प्रभावित होती।' 2017-18 के दौरान देश में 14.8 लाख टन गेहूं का आयात किया गया था। (भाषा)