नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2013-14 के लिए संसद में बजट पेश करने के बाद वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियां हैं और हमारा काम यहीं खत्म नहीं हो जाता।
और क्या कहा वित्त मंत्री ने....
* भूखे के लिए भोजन ही भगवान की तरह है। * डीजल, एलपीजी सब्सिडी कम करने से घाटा घटेगा। * डीजल की कीमतें और बढ़ती रहेंगी। * अभी 6 प्रतिशत से ऊपर ग्रोथ ले जाना चाहते हैं। * 2014-15 के लिए 7 प्रतिशत विकास दर की उम्मीद। * यह सही है कि हमने चौंकाने वाली कोई घोषणा नहीं की। * मौजूदा हालात में न तो सौगात देने की स्थिति है और न ही बोझ बढ़ाने की स्थिति। * अचानक आयात में कमी लाना संभव नहीं। * मुझे उम्मीद है कि यह साल विकास के लिए बेहतर होगा। * हमने सरकारी घाटा काबू में रखने का संदेश दिया। * राजकोषीय घाटे पर काबू पाने की कोशिश हो रही है। * हम आयात को बढ़ावा देने के लिए मदमद करेंगे। * वित्तीय घाटे पर अंकुश के लिए एक्सपोर्ट जरूरी। * हमारा काम यहीं खत्म नहीं हो जाता * बजट को आर्थिक सर्वे के साथ पढ़ना जरूरी * अर्थव्यवस्था के सामने कई चुनौतियां * बजट पर उठे सवालों के जवाब दूंगा * कुछ और सुधार का ऐलान होगा। * बजट से चुनौतिय पर काबू पा लेंगे।