स्कूली पाठ्यक्रम में योग को मंजूरी

Webdunia
रविवार, 3 जून 2007 (18:20 IST)
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों के पाठ्यक्रम में योग शामिल करने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री अंबमणि रामदॉस ने यह जानकारी दी।

उनका कहना था कि योग की वजह से तनाव और मधुमेह से आसानी से बचा जा सकता है। फिलहाल योग की कक्षाएँ लेने वाले शिक्षकों की तलाश की जा रही है। योग शिक्षक स्कूल के शिक्षकों को भी योग सिखाएँगे ताकि वे भी अपने स्वास्थ्य और जीवनशैली में सुधार ला सकें।

योजना आयोग ने भी इसे मंजूरी दे दी है। सैद्धांतिक रूप से भारत के पहले हृदयरोग, मधुमेह और पक्षाघात को नियंत्रित करने के कार्यक्रम को भी मंजूरी दी जा चुकी है। इसी के तहत योग भी होगा।

दरअसल, मध्यम वर्ग के युवा और किशोरों में मोटापा तेजी से बढ़ता जा रहा है जबकि एक ओर कुपोषण की शर्मनाक स्थिति भी देश में मौजूद है। स्वास्थ्य मंत्री देश में तेजी से बढ़ रहे हृदयरोग, मधुमेह और कैंसर से चिंतित हैं। वे कहते हैं कि एक ओर भारत तीव्र विकास दर के लिए दौड़ लगा रहा है, वहीं दूसरी और मानव विकास प्रतिवेदन में भारत पूरी दुनिया में 126वें स्थान पर है।

जल्द ही स्वास्थ्य व शिक्षा अधिकारियों के बीच बैठक होगी ताकि जल्द से जल्द स्कूलों में योग शुरू किया जा सके। भारत वैसे भी मधुमेह की राजधानी माना जाने लगा है। देश में मधुमेह रोगियों की संख्या 2030 तक 8 करोड़ से अधिक हो जाने की आशंका है।

Show comments

जरूर पढ़ें

कांवड़ यात्रा को बदनाम करने की कोशिश, CM योगी ने उपद्रवियों को दी चेतावनी

समुद्र में आग का गोला बना जहाज, 300 से ज्यादा यात्री थे सवार, रोंगटे खड़े कर देगा VIDEO

महंगा पड़ा कोल्डप्ले कॉन्सर्ट में HR मैनेजर को गले लगाना, एस्ट्रोनॉमर के CEO का इस्तीफा

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, बिहार में SIR पर विपक्ष ने उठाए सवाल

24 कंपनियों ने जुटाए 45,000 करोड़, IPO बाजार के लिए कैसे रहे 2025 के पहले 6 माह?

सभी देखें

नवीनतम

इन नौकरियों को अगले 100 साल भी नहीं है AI से खतरा, बिल गेट्स का दावा

DU की पहली सीट अलॉटमेंट लिस्ट जारी, 71 हजार से ज्‍यादा स्नातकों को होगा आवंटन

Gold-Silver Price : सोना फिर टूटा, चांदी में भी बड़ी गिरावट, जानिए क्‍या हैं भाव...

समझिए भारत के किस राज्य में महिलाओं के लिए कितना है आरक्षण, समझिए हॉरिजॉन्टल-वर्टिकल रिजर्वेशन

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और गूगल के वर्तमान संदर्भ में गुरु की प्रासंगिकता