देहरादून। उत्तराखंड में विशेष कार्यबल (STF) ने जांच सौंपे जाने के दो दिन के भीतर रविवार को राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक कराने वाले गिरोह के पर्दाफाश का दावा करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से 37.10 लाख भी रुपए बरामद हुए हैं।
आयोग ने पिछले साल 4 और 5 दिसंबर को स्नातक स्तर की परीक्षा आयोजित कराई थी, जिसमें अनियमितता का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन सौंपते हुए जांच की मांग की थी।
इस संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने रायपुर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए उसकी जांच तत्काल एसटीएफ को सौंप दी थी। पुलिस महानिदेशक ने इस मामले के जल्द खुलासे के लिए एसटीएफ की पीठ थपथपाई है।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अल्मोड़ा के ग्राम मयोली निवासी मनोज जोशी, देहरादून के कैंट क्षेत्र निवासी जयजीत दास, चंपावत के पाटी गांव निवासी मनोज जोशी, बिजनौर के चांदपुर निवासी कुलवीर सिंह चौहान, देहरादून के कालसी निवासी शूरवीर सिंह चौहान और किच्छा निवासी गौरव नेगी के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि अल्मोड़ा निवासी मनोज जोशी 2014-18 तक चयन आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में तैनात था, जिसकी जानपहचान आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कंप्यूटर प्रोग्रामर के रूप में कार्यरत जयजीत दास से हुई। दास चयन आयोग के गोपनीय कार्य करता था।
पुलिस के मुताबिक, आयोग के कार्यालय में चंपावत निवासी मनोज जोशी का परीक्षाओं के कार्यक्रम के संबंध में जानकारी लेने के लिए आना-जाना लगा रहता था, जिससे उसकी पहचान अल्मोड़ा के मनोज जोशी से हो गयी। चंपावत निवासी मनोज जोशी, कुलवीर चौहान के देहरादून के करनपुर क्षेत्र में संचालित कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा था। कुलवीर ने चंपावत निवासी मनोज जोशी को शूरवीर सिंह चौहान और गौरव नेगी से मिलवाया।
इन सभी ने अल्मोड़ा निवासी मनोज जोशी के साथ मिलकर जयजीत दास से पेपर लीक करने को कहा और उसे इसके एवज में कथित तौर पर 60 लाख रुपए दिए। पुलिस ने बताया कि दास प्रश्नपत्र लीक कर आरोपियों तक पहुंचाता था।