नई दिल्ली। सु्प्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE की 10वीं और 12वीं टर्म परीक्षा का मामले में हाईब्रिड परीक्षा कराने से इंकार करते कहा कि परीक्षा मोड में बदलाव नहीं होगा और परीक्षा केवल ऑफलाइन मोड में होगी। अदालत ने कहा कि चूंकि परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं अत: इस स्तर पर परीक्षा में खलल डालना उचित नहीं होगा। सरकार द्वारा पहले से ही कोविड एहतियाती उपाय उठाए जा रहे हैं और परीक्षा केंद्र 6,500 से बढ़ाकर 15,000 किए गए हैं। परीक्षा की अवधि 3 घंटे से घटाकर 1.5 घंटे की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ न कर अधिकारी अपना काम अच्छे से करें। अब बहुत देर हो चुकी है। इस आखिरी मिनट के कामकाज को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। इतने अराजक तरीके से 34 लाख बच्चों की परीक्षा कराना संभव नहीं।
दरअसल, कुछ छात्रों ने केवल ऑफलाइन मोड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प भी मांगा है। 10वीं और 12वीं कक्षा के 6 छात्रों ने याचिका दाखिल की है। हाइब्रिड तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए तत्काल निर्देश की मांग की है। CBSE की परीक्षाएं 16 नवंबर से शुरू हो चुकी हैं। ICSE परीक्षा 22 नवंबर से शुरू होगी। याचिका में कहा गया कि ऑफलाइन परीक्षा से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ जाएगा।