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कंटेंट राइटिंग में बनाएं करियर

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डॉ. संदीप भट्ट

Make a career in content writing : क्रिएटिव इंडस्ट्री में करियर की बात जब भी होती है कंटेंट राइटिंग इसमें बहुत खास फील्ड है। कंटेंट यानी विषय और कंटेंट राइटिंग का मतलब कि किसी विषय पर लिखना। आमतौर पर इसे विषयवस्तु भी कहते हैं यानी किसी एक थीम पर किसी भाषा में लेखन। इस तरह देखें तो कंटेंट राइटिंग लिखने की एक कला है।

लेखन की कला बहुत पुरानी है। मानव सभ्यता के शुरूआती दौर में लिखने का विकास तब हुआ जब मनुष्य को किसी सूचना या बात को कहीं पहुंचाना होता था। लिखकर अपने भावों को अभिव्यक्त करने का तरीका कंटेंट राइटिंग का सबसे पुराना फॉर्मेट कहलाता है। शब्दों और भाषाओं के विकास की यात्रा के बाद आज कंटेंट राइटिंग स्पेशलाइजेशन का एक सब्जेक्ट और एरिया है।

किसी एक व्यक्ति द्वारा अपने मन के भावों को, अपनी बातों को शब्दों के जरिए बताए जाने को कंटेंट क्रिएशन की प्रोसेस कहते हैं। इस प्रोसेस में जो कुछ लिखा जाता है उसे कंटेंट कहा जाता है। आज के डिजिटल दौर में इंटरनेट की पहुंच बहुत व्यापक है। इसके साथ अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म्स का भी विस्तार हुआ है। ऐसे में इन प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट राइटर्स की भी डिमांड बढ़ी है।
 
ऐसे में कंटेंट राइटिंग का काम एक बहुत बड़ा फील्ड बन चुका है। पूरी क्रिएटिव इंडस्ट्री से लेकर आईटी, पॉलिटिकल पार्टी, कमर्शियल बिजनेस आउटलेट्स से लेकर सेलिब्रिटीज को भी कंटेंट राइटिंग की आवश्यकता होती है। कंटेंट राइटिंग एक चैलेंजिंग जॉब है। लेकिन यह भी ध्यान रखें कि इसमें आपको अच्छा पैसा और सम्मान मिलता है। तो आइए जानते हैं कि कंटेंट राइटिंग के सेक्टर में करियर कैसे बनाएं। और अगर आप इस फील्ड में ही हैं और कुछ बेहतर करना चाहते हैं तो जानते हैं कि कंटेंट राइटिंग में बेहतर कैसे करें :
 
कैसे करें शुरूआत : कंटेंट के फील्ड में काम की शुरूआत करने के लिए आपको इससे जुड़ा कोई कोर्स कर लेना चाहिए। मॉस कम्युनिकेशन, जर्नलिज्म या क्रिएटिव राइटिंग में बैचलर से लेकर मास्टर्स या डिप्लोमा कोर्स करना बेहतर होता है। अधिकतर कंपनियां कंटेंट राइटिंग के जॉब्स में इसी तरह की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को प्राथमिकता देते हैं। डिग्री और एजुकेशन करते वक्त इंटर्न भी करें। आप कुछ बेसिक्स सीखने के बाद फ्रीलांस कंटेंट राइटर के बतौर काम करना शुरू करें। इसके बाद जब कोर्स पूरा हो जाए तो किसी कंपनी के साथ जॉब कर सकते हैं।
 
अपनी टारगेट ऑडियंस पहचानें : हमेशा ध्यान रखें कि कम्युनिकेशन एक टू-वे प्रोसेस है यानी कोई भी संचार हमेशा दो तरफा होता है। ऐसे में एक कंटेंट राइटर को साफतौर पर पता होना चाहिए कि वो लिख किसके लिए रहा है। आप जिसके लिए भी लिख रहे हैं उन तक अपने लिखे हुए शब्दों को पहुंचाने के लिए ये ध्यान रखना बहुत आवश्यक है कि आखिर ऑडियंस क्‍या चाहती है।
 
ऐसे में कंटेंट की दुनिया में अगर आप सफलता चाहते हैं तो ध्यान रखें कि आप अपनी बात जिन लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं यानी जो आपकी ऑडियंस है उसको ही राइटिंग का प्रमुख उद्देश्य मानते हुए लिखें। इसके लिए ये भी जरूरी है कि आप मार्केट में ऑडियंस की कंटेंट को लेकर क्या पसंद और नापसंद है, उस पर रिसर्च करें। अपनी ऑडियंस की पसंद के अनुसार कंटेंट को उसी तरह लिखें और हमेशा अपने पाठकों से फीडबैक लेते रहें। याद रखें कि ऑडियंस से संपर्क काफी महत्वपूर्ण है।
 
आइडिएशन जारी रखें : डिजिटल के इस दौर में हर कोई प्रोडक्शन में नयापन चाहते हैं। ऐसे में अगर आप कंटेंट राइटिंग में काम कर रहे हैं तो हमेशा ही न्यू और ऑडिएंश के इंटरेस्ट के आइडियाज पर काम करते रहें। ये एक बड़ी चुनौती हैं। एक अच्छा कंटेंट प्रोड्यूसर या राइटर होने के लिए आपको अपने पाठकों को क्लिक करने वाले कंटेंट लिखने और तैयार करने के स्किल्स पर काम करना चाहिए। ऐसे में याद रखें कि हमेशा आप अपने ओरिजनल आइडियाज पर काम करते रहें।
 
कंटेंट एडिटिंग में सावधानी बरतें : एडिटिंग का मतलब है कि जब आपका कंटेंट रिलीज होने वाला है उससे पहले के स्टेप्स। इसमें प्रूफ रीडिंग और री-राइटिंग जैसी चीजें जरूरी हैं। प्रूफ रीडिंग यानी कि किसी कंटेंट को लिखने या तैयार होने के बाद जांचना। ऐसा इसलिए कि यह सावधानी बरतना बहुत जरूरी है कि कहीं आपके लिखे गए कंटेंट में भाषा, व्याकरण, तथ्य और आंकड़ों आदि की कोई गलती या कमी तो नहीं रह गई। एक बेहतर कंटेंट राइटर के लिए ये बहुत ही जरूरी है कि लिखने के बाद उसका प्रूफ जरूर देखें।
 
कई बार ऐसा होता है कि फ्लो में लिखते हुए कुछ शब्द या वाक्यों में गलती हो सकती है। कई बार अगर कुछ लिखना चाहते हैं तो कुछ और लिखा जाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप प्रूफ पढ़ें और जरूरत पड़ने पर री-राइट भी करें। इससे आपकी ऑडिएंस को जो भी आप लिख रहे हैं समझने में आसानी होगी। हमेशा याद रखें कि एक कंटेंट राइटर के बतौर जो कुछ भी आप एक्सप्रेस करना चाहते हैं आपके कंटेंट की क्वालिटी पर निर्भर करता है। इसलिए राइटिंग की गुणवत्ता अगर बेहतर है तो आपकी ऑडिएंस उसे हमेशा पसंद करेगी।
 
सब्जेक्ट्स की रेंज बढ़ाते रहें : अच्छे कंटेंट को लोग हमेशा पसंद करते हैं, पर सबसे अहम सवाल यही है कि लगातार अच्छे विषयों पर बेहतर कैसे लिखें। इसका आसान तरीका है कि आप हमेशा पढ़ते रहें। नए सब्जेक्ट्स पर काम करते रहें। एक ऑलराउंडर कंटेंट राइटर बनने के लिए आपको बदलते ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट करते रहना बहुत जरूरी है। चाहे आप किसी भी मीडिया या कंपनी के लिए कंटेंट तैयार करें, आपको हमेशा ध्यान रखना है कि हर टॉपिक या कैटेगरी पर ऑडियंस बेहतर कंटेंट चाहते हैं। ऐसे में अगर आपके सब्जेक्ट्स की रेंज अच्छी है तो नैचुरली आपकी लिखावट बेहतर होगी। तो कंटेंट राइटिंग के फील्ड में बहुत जरूरी है कि आप हमेशा अपने लिए नए सब्जेक्ट्स चुनते रहें। लगातार आप नई चीजें एक्सप्लोर करते रहें।
 
ट्रेंड्स पर रखें नजर : आप ट्रेंड्स को देखते रहें कि कौनसे प्लेट्फॉर्म या मीडिया आउटलेट पर मोस्ट रीड (सबसे ज्यादा पढ़ा गया) आर्टिकल्स कौनसा है। पाठकों का फीडबैक किस तरह के कंटेंट पर सबसे ज्यादा मिला है या सर्वाधिक पसंद किए गए कंटेंट किस तरह के हैं। कौनसे आर्टिकल या ब्लॉग्स सबसे ज्यादा वायरल हो रहे हैं। ये सब देखना जरूरी है। आप अपने लेखन में वैसी ही बातों का समावेश करें और कंटेंट को उसी फॉर्मेट में तैयार करें जो लोगों को पसंद आ रहा हो। इससे आपके कंटेंट को भी मार्केट में उतनी ही वैल्यू और रीच मिलेगी।
 
एनालिटिकल स्किल्स पर फोकस करें : एक कंटेंट राइटर के बतौर आप कुछ भी लिखते वक्त खुद से जरूर पूछें कि कोई भी आपके कंटेंट को क्यों पढ़े यानी अगर कोई व्यक्ति आपके कंटेंट को पढ़े तो उसे कुछ न कुछ बेहतर मिलना चाहिए। उसे नया नॉलेज मिले या उसे कंटेंट कुछ हटकर लगे, तभी आपका ऑडिएंस बेस बढ़ेगा। तो इसके लिए आप अपनी एनालिटिकल स्किल्स पर लगातार काम करते रहें। चीजों को देखते, पढ़ते हुए आप हमेशा कुछ एनालिसिस जरूर करें। इससे आप एक ऐसे स्किल्ड कंटेंट राइटर बनेंगे, जो अपनी ऑडिएंस को जोड़े रखने में सफल होगा। 
 
मीडिया के फार्मेट्स को ध्यान में रखें : आजकल स्‍मार्ट टेक्‍नोलॉजी का दौर है। अब कंप्यूटर और स्मॉर्टफोन की स्क्रीन पर ही अखबार पढ़ने और टीवी देखने का ट्रेंड है। ऐसे में अगर आप अपने को इन बदलावों के हिसाब से अपडेट नहीं करते हैं तो आपके लिए बहुत मुश्किलें आएंगी। बेहतर होगा कि आप अपने कंटेंट क्रिएशन को मीडिया के बदलते ट्रेंड्स के हिसाब से बनाए रखें।
 
मसलन अखबारों या प्रिंट मीडिया आउटलेट्स के लिए आप लिखते हैं तो उनकी वेबसाइट्स या डिजिटल प्लेट्फॉर्म्स के लिए लिखने के लिए आपको मीडिया के अलग-अलग फॉर्मेट्स के कंटेंट की जानकारी होनी चाहिए। उदाहरण के लिए समझें कि किसी खबर को अगर वेब या डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पब्लिश करना है तो उसके लिए बुलेट्स और शॉर्ट फॉर्म्स में लिखना आना चाहिए। इन फॉर्मेट्स के पाठकों की रुचियां भी अलग-अलग होती हैं। तो बेहतर होगा कि आप मीडिया प्लेट्फॉर्म्स को लेकर हमेश सतर्क रहें और खुद को अपडेट करते हुए अपनी राइटिंग को बेहतर बनाते रहें।
 
सैलरी और ग्रोथ : आपको कंटेंट राइटिंग के फील्ड में सैलरी अच्छी मिलती है, लेकिन खास बात यह है कि इसके लिए आपको एक्सपीरियंस होना जरूरी है। हालांकि अनुभव के साथ आपका कंटेंट बेहतर होता जाता है। एक्सपर्टस बताते हैं कि कंटेंट राइटिंग के फील्ड में शुरुआत में सालाना 3-4 लाख की सैलरी मिल सकती है। बाद में जैसे-जैसे आप इस सेक्टर में स्थापित हो जाएंगे, आपका पैकेज भी बढ़ जाएगा और आप जब तक मार्केट की डिमांड के अनुसार क्रिएटिव कंटेंट प्रोडक्शन कर पाएंगे तब तक आपको बेहतर पैसा मिलने की संभावनाएं बनी रहेंगी।

इसलिए अगर आप लिखते-पढ़ते हैं और क्रिएटिव इंडस्ट्री में आपका रुझान है तो कंटेंट राइटिंग का फील्ड करियर के लिहाज से आपके लिए बहुत शानदार साबित होगा है।

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